प्रदेश मे इन सभी शिक्षामित्र को सहायक शिक्षक के तौर पर समायोजित करना था l परन्तु इलहाबाद हाई कोर्ट ने उनका समायोजन रद्द कर दिया था l उसके बाद इनलोगों ने सुप्रीमकोर्ट का रास्ता चुना था l इनकी सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था l साथ ही सुप्रीमकोर्ट ने कहा था की जो भी पक्षकार लिखित रूप से अपना पक्ष रखना चाहता है वह एक हफ्ता के भीतर रख सकता है l
शिक्षामित्रों की तरफ से अमित सिब्बल, सलमान खुर्सीद, नितेश गुप्ता और जयंत जैसे वकीलों ने अपनी दलील देते हुए कहा की यह लोग वर्षो से काम कर रहे है और अगर उनको हटाते है तो उनका भविष्य अधर मे चला जायेगा l जिसपर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनको राहत दे दी है l
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