कोलकाता। महिला क्रिकेट टीम की सबसे सीनियर खिलाड़ी मिताली राज को इंग्लैंड के खिलाफ विश्व टी20 के सेमीफाइनल में बाहर बैठाने का विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा हैं। इस विवाद पर पूर्व भारतीय कप्तान सौरभ गांगुली को भी अपने दर्द याद आ गए। गांगुली ने कहा कि मुझे भी हैरानी हुई थी की अपने कैरियर के चरम पर टीम की प्लेईंग ईलेवन से बाहर रखा गया था। गौरतलब है कि मिताली ने पाकिस्तान और आयरलैंड के खिलाफ अर्धशतक जमाए, लेकिन उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम लीग मैच से विश्राम दिया गया। हैरानी की बात यह रही कि इसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में भी उन्हें अंतिम एकादश में नहीं रखा गया, जिसमें भारत को आठ विकेट से करारी हार झेलनी पड़ी। गांगुली ने कहा, ‘भारत की कप्तानी करने के बाद मुझे भी प्लेंइंग इलेवन से बाहर रखा गया था। उन्होंने आगे कहा कि जब मैंने देखा कि मिताली राज को भी बाहर किया गया है तो मैंने कहा, ‘इस ग्रुप में आपका स्वागत है’।’
गांगुली ने 2006 के पाकिस्तानी दौरे को याद करते हुए कहा कि ‘कप्तान आपको बाहर बैठने के लिए कहते हैं तो वैसा करो। मैंने फैसलाबाद में ऐसा ही किया था। मैं 15 महीने तक वनडे नहीं खेला, जबकि मैं संभवत वनडे में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहा था। जिंदगी में ऐसा होता है। कभी कभी दुनिया में आपको बाहर का रास्ता भी दिखाया जाता है।’ गांगुली ने हालांकि कहा कि मिताली के लिए रास्ते अभी बंद नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘आपको हमेशा यह याद रखना चाहिए कि आप सर्वश्रेष्ठ हो, क्योंकि आपने कुछ अच्छा किया है और मौका फिर से आएगा। इसलिए मिताली राज को बाहर बैठने के लिए कहने पर मुझे निराशा नहीं हुई। मैं मैदान पर प्रतिक्रियाओं को देखकर निराश नहीं हूं।’ वेस्टइंडीज में खेले गए टी-20 टूर्नामेंट के लिए उन्होंने कहा कि ‘मुझे निराशा है कि भारत सेमीफाइनल में हार गया, क्योंकि मुझे लगता है कि वह आगे बढ़ सकता था। ऐसा होता, क्योंकि कहा भी जाता है कि जिंदगी में कोई गारंटी नहीं है।’
Comments are closed.