मुंबई। जानेमाने बालीवुड अभिनेता शक्ति कपूर अपनी फिल्म ‘रंगीला राजा’ के प्रमोशन में बिजी हैं।
अभी यह फिल्म सेंसर बोर्ड के साथ विवादों में अटकी गई है। शक्ति कपूर ने बदलते समय के साथ, बदले सिनेमा और दर्शकों की पसंद पर मीडिया से बात की। शक्ति कपूर कहते हैं कि दर्शक देश-दुनिया की तमाम फिल्में देख रहा है। आज सलमान खान और रजनीकांत जैसे स्टार्स का स्टारडम फिल्मों को सफल नहीं बना सकता, आज आपकी फिल्म की कहानी सबसे महत्वपूर्ण चीज है। शक्ति बताते हैं, ‘समय बदल गया है, इस बदले समय में एक बात तो साफ हो गई है कि अब ऐक्टर नहीं बल्कि फिल्म का कॉन्टेंट चलता है। आपका कॉन्टेंट अच्छा है तभी ऐक्टर की तारीफ होगी। अब तो सलमान खान की भी बुरी फिल्में नहीं चलती हैं। अगर फिल्म अच्छी नहीं है तो बिल्कुल भी टिकेगी नहीं, फिर चाहे सलमान खान हों या रजनीकांत।
एक अच्छा कॉन्टेन्ट आपको अच्छा बिजनस देता है, अब मेरी बेटी श्रद्धा कपूर की फिल्म स्त्री ही देख लीजिए, अब तक फिल्म ने 120 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर ली है।’ शक्ति आगे बताते हैं, ‘अभी आयुष्मान की फिल्म बधाई हो या राजकुमार राव को देख लो, कोई उनको स्टार कहता था क्या, बेहद नार्मल लुक, लेकिन फिल्म की कहानी अच्छी है तो ऐक्टर्स की भी वाहवाही होती है। आयुष्मान और राजकुमार राव लंबे समय से लगे रहे और आज उनको मेहनत का फल मिल रहा है, उनकी फिल्में 100 करोड़ से ज्यादा का बिजनस कर रही हैं।’ अपने जमाने के बड़े सितारों का उदाहरण देते हुए शक्ति कहते हैं, ‘देखिए पहले ऐसा होता था कि राजेश खन्ना जैसे स्टार की फिल्म अच्छी हो या न हो, लड़कियां पागल हो जाती थीं, वह अपनी कलाई काट लेती थीं, दिल पर उनका नाम लिखती थीं। फिल्म ज्यादा अच्छी भी नहीं होती थी, तब भी चल जाती थी।
आज दर्शक समझदार हो गया है, वह हॉलिवुड फिल्में, टीवी शो, वेब सीरीज़ और न जाने दुनिया भर का क्या-क्या कॉन्टेंट देख रहा है। समझदार दर्शक अब बुरी फिल्म को माफ नहीं करता है।’ वह आगे कहते हैं, ‘मैं यह नहीं कहता कि सितारों की फैन फॉलोविंग कम हो गई है, लेकिन यह फैन वाली चीज से फिल्म नहीं चलती है। पहले तो सबको माफी मिल जाती थी, आज रजनीकांत जैसे सुपरस्टार को भी दर्शक माफ नहीं करते हैं, पहले तो रजनीकांत के एक वॉक में पिक्चर चल जाती थी, आज वह अपनी फिल्मों के तमाम सीन को बार-बार शूट करते हैं।’ रजनीकांत यह बात अच्छी तरह समझ गए हैं, वह अपनी फिल्मों में करोड़ों-अरबों रुपए लगा रहे हैं और जी-जान से मेहनत कर रहे हैं, ताकि दर्शकों को लगे कि वह एक अच्छी फिल्म देख रहे हैं।
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