नई दिल्ली। देश का निर्यात इस बार अक्तूबर महीने में एक साल पहले , इसी माह की तुलना में 17.86 प्रतिशत बढ़कर 26.98 अरब डॉलर के बराबर रहा। वाणिज्य मंत्रालय के जारी आंकड़ों के अनुसार इस बार अक्तूबर में आयात भी 17.62 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 44.11 अरब डॉलर रहा। आलोच्य माह के दौरान व्यापार घाटा बढ़कर 17.13 अरब डॉलर रहा। विश्लेषणों के अनुसार तुलनात्मक आधार के प्रभाव में निर्यात वृद्धि अच्छी दिखने लगी है क्यों कि पिछले साल इसी माह निर्यात काफी कम हुआ था। हालांकि, अक्तूबर में सोने का आयात 42.9 प्रतिशत घटकर 1.68 अरब डॉलर रह गया है। इसके बावजूद भी व्यापार घाटे में बढ़ोतरी हुई है।
निर्यातकों का कहना है कि अक्तूबर में निर्यात में करीब 18 प्रतिशत की वृद्धि की वजह तुलना के लिए एक पहले के आधार का प्रभाव है। अक्तूबर, 2017 में निर्यात 22.89 अरब डॉलर के स्तर का ही था। निर्यातकों के संगठन फेडरेशन आफ इंडिया एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन (फियो) ने कहा कि अक्तूबर का निर्यात का आंकड़ा सितंबर से कम है। लेकिन तुलनात्मक आधार के असर से वृद्धि तेज दिख रही है। इसी तरह की राय जताते हुए भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात संवर्द्धन परिषद (ईईपीसी) ने कहा कि अक्तूबर में निर्यात में ऊंची वृद्धि अनुकूल आधार प्रभाव की वजह से दर्ज हुई है।
फियो के अध्यक्ष गणेश गुप्ता ने क्षेत्र के लिए ऋण का प्रवाह बढ़ाने की मांग की। अक्तूबर में पेट्रोलियम निर्यात 49.3 प्रतिशत, इंजीनियरिंग 8.87 प्रतिशत, रसायन 34 प्रतिशत, दवा 13 प्रतिशत तथा रत्न एवं आभूषण निर्यात 5.5 प्रतिशत बढ़ा। वहीं दूसरी ओर कई कृषि जिंसों का निर्यात समीक्षाधीन महीने में कम हुआ। इनमें कॉफी, चावल, तंबाकू, काजू और तिलहन शामिल हैं। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अक्तूबर की अवधि में निर्यात 13.27 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 191 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस दौरान आयात 16.37 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 302.47 अरब डॉलर रहा। इस तरह चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों अप्रैल-अक्तूबर के दौरान व्यापार घाटा बढ़कर 111.46 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 91.28 अरब डॉलर था। समीक्षाधीन महीने में कच्चे तेल का आयात 52.64 प्रतिशत बढ़कर 14.21 अरब डॉलर पर पहुंच गया। गैर तेल आयात छह प्रतिशत की वृद्धि के साथ 29.9 अरब डॉलर रहा। सितंबर में निर्यात सालाना आधार पर 2.15 प्रतिशत घटा था।
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