(नई दिल्ली) प्रदूषण के चलते दिल्ली में के बड़े अस्पतालों में रद्द हो रहे ऑपरेशन

नई दिल्ली। दिवाली के पहले पिछले साल की तरह इस साल प्रदूषण की वजह से दिल्ली के बड़े अस्पतालों में इस बार रद्द होने वाली पूर्वनियोजित सर्जरियों की संख्या तीन गुना बढ़ गई है। जिसके पीछे कारण गले और फेफड़ों में प्रदूषण की वजह से इंफेक्शन पैâला रहा है, जिसके कारण सर्जरी से पहले दी जाने वाली एनेस्थीसिया में काफी परेशानी का सामना करना पड़ना रहा है। डॉक्टरों की माने तो प्रदूषण से सांस की नली और छाती में हुए संक्रमण, अस्थमा व अन्य सांस की बीमारियों की वजह से एनेस्थीसिया देना मुश्किल हो जाता है। इसकी वजह से सबसे ज्यादा १५ साल से कम उम्र के बच्चे और ६० से अधिक उम्र के लोग प्रभावित होते हैं। एम्स के एनेस्थीसिया के प्रोफेसर एस.राजेश्वरी की माने तो अगर हम सिर्फ बाल चिकित्सा सर्जरी विभाग की बात करें तो हर महीने १००-१२० बच्चे आते हैं।

गर्मियों में ५-७ सर्जरी सांस लेने वाली बीमारियों की वजह से कैंसिल हुई थीं। लेकिन जब प्रदूषण बढ़ता है तो यह आंकड़ा सीधे १५-२० पर पहुंच जाता है। ऐसा ही हाल दिल्ली के दूसरे बड़े अस्पताल सफदरजंग का भी है। वहीं दूसरी ओर डॉक्टरों की माने तो सर्दियों में तापमान गिरने की वजह से इंफेक्शन लगने का ज्यादा खतरा होता है। यही वजह है कि सर्जरियां रद्द कर दी जाती हैं। सांस लेने में परेशानी और एलर्जी की वजह से रोगी ठीक से सांस नहीं ले पाता क्योंकि उसके ब्रॉन्काई मसल में परेशानी आती है और बेहोशी में सांस की दिक्कत होती है और इलाज मुश्किल हो जाता है। यही नहीं इस दौरान शरीर के अंदर और बाहर ऑक्सीजन और कार्बन डाई ऑक्साइड पहुंचाने वाली नलियों में भी कम हवा पहुंचती है, जो सर्जरी के दौरान घातक हो सकता है।

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