नई दिल्ली। बच्चों में होने वाली जेनेटिक बीमारी हाइड्रोसिफलिस और स्पाइना बिफिडा को खत्म करने के लिए सरकार नई पहल कर रही है। अब गर्भवती महिलाओं को फॉलिक ऐसिड युक्त नमक और आटा खाने को मिलेगा। डॉक्टरों का कहना है कि नमक या आटे में मिलाकर यह महिलाओं की डायट में पहुंच जाएगा। इससे खतरनाक बीमारी को जड़ से खत्म करना संभव हो पाएगा।
दिल्ली के एक न्यूरोसर्जन ने कहा कि दिल्ली जैसे शहर में बच्चों में यह बीमारी देखी जा रही है। यह बीमारी रोकी जा सकती है। जरूरत है लोग जागरूक हों और इसको लेकर सजग रहें। उन्होंने कहा कि अगर प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं फॉलिक ऐसिड का सेवन करें तो हाइड्रोसिफलिस और स्पाइना बिफिडा जैसी बीमारी नहीं होगी। डॉक्टर का कहना है कि प्रेग्नेंसी के डेढ़ महीने तक यह दवा लेनी होती है, लेकिन अधिकांश महिलाओं को प्रेग्नेंसी का पता ही 2 से 3 महीने बाद चलता है। इससे दवा का डोज मिस हो जाता है और उनमें बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
डॉक्टर ने कहा कि देश में शादीशुदा महिलाओं के लिए फॉलिक ऐसिड अनिवार्य कर देना चाहिए। हाल ही में डब्ल्यूएचओ के साथ एक बैठक हुई थी जिसमें दोनों बीमारियों को देखते हुए डायट में फॉलिक ऐसिड मुहैया कराने पर चर्चा की गई। बैठक में नमक और आटे में फॉलिक ऐसिड मिक्स कर बेचे जाने की बात की जा रही है। उन्होंने बताया कि विदेशों में ऐसा ही होता है। जापान में पूरी सोसायटी को दवा खिला दी जाती है। फॉलिक ऐसिड एक प्रकार का विटमिन बी है जो ब्रेन, नर्वस सिस्टम और रीढ़ की हड्डी में लिक्विड के लिए जरूरी होता है।
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