अस्पताल से गायब था डॉक्टर, हो गई नवजात की मौत

जबलपुर, २६ अक्टूबर : सुरक्षित प्रसव कराने के नाम पर जहां शासन करोड़ों रुपए फूंक रही है, वहीं उनके कर्मचारी शासन की मंशा को पलीता लगा रहे हैं। इसकी बानगी चरगवां अंतर्गत भिड़की प्रथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में देखने को मिली। जहां एक महिला को प्रसव पीड़ा के चलते भर्ती कराया गया। महिला ने नर्सेस की मदद से बच्चे को जन्म दिया। लेकिन उसकी हालत नाजुक थी।

जिसकी सूचना डॉक्टर को भी दी गई। लेकिन दो घंटे इंतजार के बाद भी डाक्टर नहीं पहुंचा। जिससे शिशु ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। इसके बाद परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में जमकर हंगामा किया।

जानकारी के अनुसार बरखेड़ा निवासी जितेन्द्र झारिया की पत्नी करीना को प्रसव पीड़ा के चलते भिड़की प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार सुबह ६.३० बजे करीना ने बच्चे को जन्म दिया। शिशु की स्थिति सही नहीं थी, जिसकी सूचना निचले स्टॉफ ने वहां पदस्थ सीरियर डॉक्टर को दी। करीब दो घंटे तक परिजन डॉक्टर का इंतजार करते रहे लेकिन डॉक्टर नहीं आए। इसी दौरान शिशु ने दम तोड़ दिया।

परिजनों ने किया हंगामा

बच्चे की मौत की खबर लगते ही ग्रामीण अस्पताल में एकत्रित हो गए। ग्रामीणो ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। जिसकी खबर लगते ही मौके पुलिस बल पहुंच गया। पुलिस ने स्थानीय लोगों को समझाईश दी लेकिन ग्रामीण डॉक्टर कार्रवाई पर अड़े रहे।

तहसीलदार पहुंचे

अस्पताल में हंगामे की खबर आग की तरह पैâली। इस मामले की जानकारी लगते ही तत्काल कलेक्टर ने तहसीलदार को मौके पर भेजा। तहसीलदार और पुलिस की समझाईश के बाद मामला शांत हुआ। तहसीलदार ने जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।

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