मुंबई : आतंकवाद रोधी कानून के तहत विशेष एनआईए अदालत ने विवादित धर्मगुरु जाकिर नाईक की मुंबई स्थित चार संपत्तियां कुर्क करने का आदेश दिया है.
नाईक पर दो साल पहले गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोप लगाए गए थे. कोर्ट ने नाईक को जून 2017 में वांटेड अपराधी घोषित किया था. इसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने शहर में स्थित नाईक के दो फ्लैट और एक कॉमर्शियल प्रतिष्ठान कुर्क कर लिए थे.
झगांव इलाके में नाईक की चार संपत्ति कुर्क करने की इजाजत मांगने वाली केंद्रीय एजेंसी की अर्जी विशेष अदालत ने गुरुवार को स्वीकार कर ली.
नआईए ने दलील दी कि केंद्रीय एजेंसी द्वारा उसके खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद विभिन्न स्रोतों से उसे फंड मिलना बंद हो गया था. इसलिए नाईक विदेशों में रहते हुए यह संपत्ति को बेचने की कोशिश कर रहा है.
एनआईए की ओर से पेश हुए एडवोकेट आनंद सुखदेव ने अदालत से कहा कि नाईक कई देशों में नागरिकता हासिल करने की कोशिश कर रहा है और इस तरह वह मझगांव की संपत्ति बेच कर धन जुटाना चाहता है.
ज्ञात रहे कि नवंबर 2016 में केंद्र सरकार ने नाईक के मुंबई स्थित इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को यूएपीए के तहत एक गैर कानूनी संगठन घोषित किया था. नाईक पर बांग्लादेश में आतंक फ़ैलाने के आरोप भी लगाए गए हैं।
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