- देशभक्ति, गुजराती, राजस्थानी और लोक संस्कृती के साथ भजनों का अदभूत समागम, जिसने देखा बस देखता ही रह गया l
इंदौर, 19 सितंबर 2018: मध्यभारत के सबसे लोकप्रिय गणेशोत्सव इंदौर के राजा के दर्शन के लिए अपार संख्या में श्रद्धालु शामिल हो रहे है वही इसके साथ रात्रि कालिन सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में भी सवाल लाख स्केयर पिफट का ग्राउण्ड छोटा पडने लगा है। बुधवार को इंदौर के राजा के दरबार में देशभक्ति, सुफी, लोकसंस्कृति आदी प्रस्तुतियों ने समा बांध दिया। दर्शक देर रात तक एक टक नन्हे कलाकारों को देख करतल ध्वनी से स्वागत करते रहे। बुधवार को प्रस्तुति में इंदौर के राजा के लिए खास तौर पर बनाए गीत ‘ दर्शन देने आजा इंदौर के राजा, कृपा दृष्टि बरसाजा इंदौर के राजा, से की गई।
मंगलवार को मनोविकास विशेष विद्यालय उज्जैन के बच्चों द्वारा श्री गणेश के गानों पर बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति दी गयी।इन बच्चो के मजबूत इरादों और बुलंद हौसले को देख कर सभी दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए और उनकी प्रस्तुति को सभी ने सराहा।
आलोक दुबे फाउंडेशन ने अपने 5 वे वर्ष के गणेशोत्सव इंदौर के राजा के लिए गुजरात अक्षरधाम की प्रतिकृती बनाई है। इसमें साढेबारह हजार स्केयर पिफट का महननुमा गर्भ गृह भी बनाया है जो देखने वालों को मोहीत कर लेता है। वही 21 पिफट उची प्रतिमा को देख हर कोई अपना सिर श्रद्धा के साथ नमन कर यहां की साजसज्जा की को अपने मोबाईल के कैद करने को आतुर दिख रहा है। लोग फेसबुक एवं वाट्स अप पर इंदौर के राजा और अक्षरधाम मंदिर की प्रतिकृति को लाखों की संख्या में शेयर कर रहे है। इसके साथ ही शहर एवं प्रदेश के गणमान्य जन भी इंदौर के राजा के दर्शनों के लिए अक्षरधाम मंदिर पहुच रहे है इसमें देवी अहिल्या युनिवर्सिटी के कुलपति नरेन्द्र कुमार धाकड सहित कई विशिष्ठ जन महाआरती के सहभागी बने।
इतनी शक्ति हमे देना दाता,,,,,,
आलोक दुबे ने बताया कि नाईन कलर संस्था के 8 वर्ष से 30 वर्ष की आयु तक के युवाओं ने बुधवार को अपनी प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोह लिया, इसमें विशेष बालिका ‘नेत्रहिन‘ मानसी पाण्डे ने ‘ इतनी शक्ति हमें देना दाता,,,,की प्रस्तुति से माहौल में एकाग्रता भर दी । इसके साथ ही गाइये गणपति जग वंदन,,,,वंदे मातरम् वंदे मातरम् सुजलाम सुफलाम मलयज शिसलाम् मातरम्,,,,ज्योती कलश छलके,,,,ओपलन हारे निगुर्ण और न्यारे,,,,ए मालिक तेरे बंदे हम,,,,,देश रंगीला रंगीला रे,,,, हर करम अपना करेगे हे वतन तेरे लिए,,,, सुनों गोर से दुनिया वालो की प्रस्तुति ने देखनें वालों को अपना बना लिया यही नही इसके साथ राजस्थानी, गुजराती और सुपफी गांनों की पेशकश ने तो माहोल को अद्भूत गरिमामय बनाने में केाई करस बाकी नही रखी। इसमें बेबी सुमिरा ने बेटी बटाव बेटी बढाव पर अपनी रचना भी सुनाई । कार्यक्रम में संगीत संयोजन अक्षत हर्षित और संचालिका मीनू पंवार थी। इन प्रस्ततियों के साथ पारंपरिक वेशभूषा में ये नन्हे और युवा कलाकार लाखों दर्शको को भावविभोर कर गए। बुधवार की रात्र इंदौर के राजा के दरबार में जितने भी श्रद्धालु पहुचे वह भूल नही पाएगें। आलोक दुबे ने बातया कि यह सभी कलाकार प्रादेशीक स्तर पर विभिन्न प्रतियोगिता ओं के विजेता रहे है जिन्हे सिंगीग सुपर स्टार के रूप में जाना जाता है। इसमें प्रमुख रूप से अमन अठवाल, राजश देशपाण्डे,सिमरजीत कोर, देवेश भुआर्य, आकांक्षा सिंह आदि प्रमुख थे जिन्होनें अपनी प्रस्तुतियां दी।
गुरूवार को सप्तनादी की प्रस्तुति
आलोक दुबे ने बताया कि सांस्कृतिक आयोजनों की श्रख्ला में गुरूवार 20 सितंबर को रात्री 08:30 बजे महिला वादिया द्वारा सप्तनादी की प्रस्तुति दी जाएगी।
Comments are closed.