मोदी सरकार का पूंजीगत खर्चा 1 ट्रिलियन के पार

नई दिल्ली । 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी सरकार अपने सार्वजनिक निवेश पूंजी को बढ़ा रही है। अप्रैल-जुलाई अवधि के लिए सरकार का पूंजीगत खर्चा 1.11 ट्रिलियन के आसपास पहुंच गया है। जो 3 ट्रिलियन के पूरे वर्ष के अनुमानों का 37 फीसदी है। यह पहली बार है कि किसी वित्तीय वर्ष के पहले 4 महीनों के लिए पूंजीगत खर्चा एक ट्रिलियन को पार कर गया है। 2017-18 में इसी अवधि के लिए पूंजीगत खर्चा 950 बिलियन रुपए था।

अप्रैल-जुलाई के लिए राजस्व खर्चा 7.71 ट्रिलियन था, जो पूरे वर्ष के 21.42 ट्रिलियन के बजट अनुमानों का 36 फीसदी बनता है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में राजस्व खर्चा 7.13 ट्रिलियन था।
सूत्रों का कहना है

कि अप्रैल-जुलाई की अवधि के लिए सड़क मंत्रालय ने 594 बिलियन के वार्षिक बजट का लगभग 47 फीसदी ही खर्च किया है जबकि रेलवे और विद्युत मंत्रालयों ने क्रमशः 531 बिलियन और 22 बिलियन रुपए का केवल 35 फीसदी ही खर्च किया है। राजस्व और व्यय रुझान सहित अप्रैल-जुलाई के लिए वित्तीय घाटे का आंकड़ा आधिकारिक तौर पर 31 अगस्त को जारी किया जाएगा।

वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि इस राशि से सबसे अधिक लाभ उठाने वाले मंत्रालयों में सड़क और हाईवे, रेलवे और विद्युत शामिल हैं। अधिकारी ने कहा पूरे वर्ष के लक्ष्य को औसत के रुप में राजस्व खर्चा वर्ष-दर-वर्ष कम हो रहा है क्योंकि 2017-18 से सबसिडी का भुगतान कम किया जा रहा है।

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