आईआईटीयंस प्रतिस्पर्धा के पीछे मत भागों, उत्कृष्टता का पीछा करो
इंदौर। आमिर खान की फिल्म थ्री इडियट्स मेें रणछोड़दास चांचड़ यानि आमिर खान का डायलॉग था, सक्सेस के पीछे मत भागों, एक्सलेंस का पीछा करो। लेकिन आईआईटी में स्टूडेंट्स को सिखाया जाएगा-प्रतिस्पर्धा के पीछे मत भागों, उत्कृष्टता का पीछा करो। आईआईटी के स्टूडेंट्स को पढ़ाई के दौरान तनाव मुक्त रहने की कला सीखाने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पहल के अंतर्गत देश के सभी आईआईटी में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को जिंदगी जीने की कला सिखाई जाएगी। हालांकि आईआईटी इंदौर में स्टूडेंट्स को डिग्री के साथ-साथ स्किल डेवलप करने का प्रयास बहुत समय से चल रहा है।
देश के सबसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान के रूप में पहचान बना चुके भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में एडमिशन के लिए जितनी कड़ी प्रतियोगिता होती है, उतनी ही अधिक कड़ी मेहनत स्टूडेंट्स को आईआईटी में करनी पड़ती है, कई बार इस गला काट प्रतियोगिता की वजह से स्टूडेंट्स मानसिक दबाव में आ जाते हैं। इस साल से देशभर की आईआईटी में पढ़ाई शुरु होने से पहले इंडक्शन प्रोग्राम होगा। यह 20 जुलाई या इसके बाद से शुरु होगा। स्टूडेंट सहज महसूस करें और तनाव में ना रहें इसलिए आईआईटी काउंसिल ने इंडक्शन प्रोग्राम करवाने का फैसला किया है। इसके लिए आईआईटी बीएचयू ने कंटेंट तैयार किया है।
प्रतियोगिताओं सीमित न रखें, बड़ा विजन लेकर चलें
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जानकारों के मुताबिक आईआईटी बीएचयू ने दूसरे आईआईटी की फैकल्टी को भी इंडक्शन करवाने के लिए ट्रेनिंग दी है। इस ट्रेनिंग का अहम हिस्सा है-प्रतिस्पर्धा बनाम उत्कृष्टता। इसमें स्टूडेंट्स को बताया जाएगा कि वे महज गला काट प्रतियोगिता के चक्कर में पडऩे की बजाय उत्कृष्टता हासिल करने की कोशिश करें। उन्हें सिखया जाएगा कि प्रतियोगिताओं में दूसरों से तुलना की जाती है और उत्कृष्टता में खुद से। प्रतिस्पर्धा में भावना रहती है कि दूसरों से अच्छा करें जबकि उत्कृष्टता में मकसद टास्क को अच्छे से करना होता है। कॉम्पटिशन में टेंशन और जलन की भावना आती है जबकि एक्सलेंस से दृढ़निश्चय की भावना जागृत होती है। स्टूडेंट्स को बताया जाएगा कि अगर खुद को प्रतियोगिताओं तक सीमित रखने की बजाय बड़ा विजन लेकर चलेंगे तो जिंदगी में अच्छा कर पाएंगे और संतुष्ट होंगे।
ओवरऑल ग्रूमिंग पर दे रहे हैं ध्यान
आईआईटी इंदौर में ओरिएंटेशन प्रोग्राम हर साल आयोजित किया जाता है। संस्थान के कई स्टूडेंट्स रिसर्च प्रोजेक्ट करते है उसमें हम उनका सहयोग करते है। हम स्टूडेंट्स को सिर्फ डिग्री तक ही सीमित नहीं रखते है। एचआरडी मिनिस्ट्री की इस पहल के पहले से ही हम कई तरह से स्टूडेंट्स को डिग्री तक सीमित नहीं रखते हुए वरन उनका ओवरऑल ग्रूमिंग पर ध्यान दे रहे हैं। यह जानकारी प्रो. निर्मला मेनन, मीडिया कोर्डिनेटर, आईआईटी इंदौर ने दी l
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