क्रोएशिया को हराकर फ्रांस बना 20 साल बाद चैंपियन

मॉस्को ।  प्रतिद्वंद्वी डिफेंस को चकनाचूर करते हुए बेहतरीन आक्रामक खेल का प्रदर्शन करते हुए फ्रांस ने क्रोएशिया को 4- 2 से हराकर दूसरी बार विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया। हाफ टाइम तक फ़्रांस की टीम 2-1 की बढ़त पर थी। फ्रांस को शुरुआत में ही क्रोएशिया के आत्मघाती गोल से बढ़त मिली थी,

जिसे क्रोएशिया ने कुछ ही देर बाद 28वें मिनट में 1-1 से बराबर कर दिया। लेकिन इस बराबरी के 10 मिनट बाद ही मिली पेनल्टी किक को गोल में बदल ग्रीजमैन ने फ्रांस को फिर से 2-1 से आगे कर दिया। फ्रांस के लिए तीसरा गोल दूसरे हाफ में पोग्बा, तो चौथा गोल के।एमबापी ने किया। वहीं क्रोएशिया के लिए दूसरा गोल एम। मैंजुकिच ने किया।
दूसरे हाफ में दोनों ही टीमों ने शुरुआती से आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया।

दूसरे हाफ के दूसरे ही मिनट में क्रोएशियाई खिलाड़ी फ्रांस की डी में पहुंच गए। इस दौरान रेबिक ने बायीं छोर से एक अच्छा मूव बनाया, लेकिन फ्रांसिसि कप्तान और गोलची लोरिस ने क्रोएशिया की इस कोशिश को बेकार कर दिया। 2-1 की बढ़त पर सवार फ्रांस के खिलाड़ियों की शारीरिक भाषा देखने लायक थी। गति और जोश पूरी तरह शबाब पर। खेल के 59वें मिनट में दाएं छोर से रास्ता बनाते हुए और क्रोएशिया के डिफेंस में छेद करने का काम किया फ्रांस के स्टार एमबापी ने।

एमबापी ने गेंद को पोग्बा की तरफ भेजा। क्रोएशियाई डिफेंडर विडा ने इसमें बाधा पहुंचाई, लेकिन गेंद उनसे टकराकर फिर से पोग्बा के पास पहुंचा, जिन्होंने इसे अपनी बायीं किक से गोल में तब्दील कर स्कोर 3-1 कर दिया। फ्रांसिसि समर्थक सातवें आसमान पर थे, तो क्रोएशियाई पूरी तरह पस्त, लेकिन मानो यही काफी नहीं था। फ्रांसिसि टीम मानो भूखे भेड़िय में तब्दील हो चुकी थी। तीसरे गोल के छह मिनट बाद ही एमबापी ने क्रोएशिया को एक और सदमा देते हुए फ्रांस की बढ़त 4-1 कर दी।

एमबापी क्रोएशियाई गोल से करीब पच्चीस मीटर दूर से ही गेंद को छीनकर आगे बढ़े। क्रोएशियाई डिफेंस पूरी तरह छितरा चुका था। एमबापी को विडा रोकने में नाकाम रहे। और एमबापी फ्रांसिसी सुबासिक को चीरते हुए गोलची को गच्चा देते हुए गोल करने में कामयाब रहे। स्क्रिप्ट करीब-करीब तय हो चुकी थी। हालांकि, चार मिनट बाद ही फ्रांसिसी कप्तान और गोलची की बेवकूफी का फायदा उठाते हुए

क्रोएशिया गोल करने और स्कोर को 4-2 पर लाने में जरूर कामयाब रहा। लेकिन अंतर इतना ज्यादा हो चुका था कि यहां से विश्व विजेता कौन होगा, यह साफ हो गया। इसके बाद बचे समय में कोई भी टीम एक-दूसरे पर गोल दागने में नाकाम रही। और फ्रांस ने 4-2 के स्कोर के साथ साल 1998 के बाद दूसरी बार विश्व विजेता बनने का गौरव हासिल कर लिया।

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