नई दिल्ली । रजिस्टर में पिता के सपने वाली थ्योरी के अलावा एक और जानकारी मिली है। रजिस्टर में ‘वट सावित्री पूजा’ का भी जिक्र किया है। मान्यताओं के मुताबिक यह वह तपस्या है, जिसमें सावित्री ने वट वृक्ष (बरगद का पेड़) के नीचे पड़े अपने मृत पति सत्यवान को यमराज से जीत लिया था। जिसके बाद से ही सावित्री के दृढ़ निश्चय व संकल्प की याद में महिलाएं अपने दीर्घ और सुखद वैवाहिक जीवन की कामना के साथ वट वृक्ष की पूजा की हैं। वट तपस्या के तहत लोग उस स्थिति में आते हैं,
जैसे बरगद के पेड़ के नीचे उसकी शाखाएं झूलती रहती हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार रजिस्टर में लिखी बातों और मौका-ए वारदात से ये पता चलता है कि दरअसल पूरा परिवार एक अनुष्ठान कर रहा था। हाथ और मुंह पर पट्टी बांधकर लटकना इसी अनुष्ठान का अंतिम चरण था। परिवार को शायद ये विश्वास था कि वो बच जाएंगे। नई दिल्ली (ईएमएस)। रजिस्टर में पिता के सपने वाली थ्योरी के अलावा एक और जानकारी मिली है। रजिस्टर में ‘वट सावित्री पूजा’ का भी जिक्र किया है। मान्यताओं के मुताबिक यह वह तपस्या है, जिसमें सावित्री ने वट वृक्ष (बरगद का पेड़) के नीचे पड़े अपने मृत पति सत्यवान को यमराज से जीत लिया था।
जिसके बाद से ही सावित्री के दृढ़ निश्चय व संकल्प की याद में महिलाएं अपने दीर्घ और सुखद वैवाहिक जीवन की कामना के साथ वट वृक्ष की पूजा की हैं। वट तपस्या के तहत लोग उस स्थिति में आते हैं, जैसे बरगद के पेड़ के नीचे उसकी शाखाएं झूलती रहती हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार रजिस्टर में लिखी बातों और मौका-ए वारदात से ये पता चलता है कि दरअसल पूरा परिवार एक अनुष्ठान कर रहा था। हाथ और मुंह पर पट्टी बांधकर लटकना इसी अनुष्ठान का अंतिम चरण था। परिवार को शायद ये विश्वास था कि वो बच जाएंगे।
रजिस्टर में लिखी बातों से इस बात के भी संकेत मिले हैं कि हो सकता है भाटिया परिवार ‘वट तपस्या’ करने का प्रयास कर रहा हो। रजिस्टर में लिखा कि अगर कोई कुछ खास रीतियों का पालन करता है तो उनकी समस्याएं सुलझती हैं और भगवान खुश होता है। जिस स्थिति में परिवार के १० लोगों के शव लटके मिले हैं, वो भी कुछ ऐसी ही तस्वीर पेश कर रहे हैं। ये तपस्या एक और मायने में अहम मानी जा रही है। वट सावित्री पूजा पूर्णिमा के दौरान की जाती है और बीते २७-२८ जून को पूर्णिमा थी।
– घर में हुआ पूजा और हवन जांच टीम की माने तो २७ और २८ जून यानी पूर्णिमा के दिन भाटिया परिवार के घर में भी पूजा और हवन हुआ था। इसके बाद ३० जून मध्यरात्रि के बाद यह हादसा होने के दावा किया जा रहा है। इस पूजा से केस की एक और अहम कड़ी ये जुड़ रही है कि पुलिस को घर में जो शव मिले, उनमें से सिर्फ ललित और उसकी पत्नी टीना के हाथ ही खुले हुए थे। यानी लटकने के वक्त हाथ बांधने, आंख पर पट्टी बांधने और स्टूल के इस्तेमाल की जो थ्योरी अब तक सामने आ रही है, उससे उलट ललित और टीना के शव बिना हाथ बंधे हुए पाए गए हैं। क्राइम ब्रांच की टीम अब इस पहलू पर जांच आगे बढ़ा रही है।
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