‘जेल में गुजरे वक्त ने तोड़ा मेरा घमंड’

मुंबई । अपने गुजरे जमाने को याद करते हुए बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त ने कहा कि जेल में बिताए समय ने उनका अंहकार तोड़ दिया है। ‘अपने परिवार और अपने चाहने वालों से अलग रहना एक चुनौती था, लेकिन इस समय ने मुझे बेहतर इंसान बनाया।’ जेल की सजा काट चुके संजय ने कहा,

‘मेरे कैद के दिन किसी रोलर कोस्टर की सवारी से कम नहीं रहे। अगर सकारात्मक पक्ष को देखें तो इसने मुझे बहुत कुछ सिखाया और मुझे एक बेहतर व्यक्ति बनाया। उन दिनों के दौरान मैंने अपने शरीर को अच्छे आकार में रखना सीखा। मैंने वजन और डंबल की जगह कचरे के डिब्बों और मिट्टी के घड़ों का प्रयोग किया। संजय ने कहा, ‘अंतिम फैसले के बाद जिस दिन से मैं जेल से छूटा, वह दिन मेरी जिंदगी का सबसे अच्छा दिन था।

मैं अपने पिता (सुनील दत्त) को याद कर रहा था। मेरी इच्छा थी कि वह मुझे आजाद हुआ देखें। हमें हमारे परिवार को कभी भूलना नहीं चाहिए वे हमेशा हमारी ताकत होते हैं।’ जेल के दिनों को याद करते हुए संजय ने कहा- हम हर 6 महीने में जेल के अंदर सांस्कृतिक समारोह किया करते थे,

जहां मैंने उम्रकैद की सजा काट रहे लोगों को संवाद बोलना, गाना और नाचना सिखाया।’ संजय ने आगे कहा, ‘उस मुश्किल दौर में वे लोग मेरा परिवार बन गए थे और जब मैं हार मान लेता था तो वे मुझे प्रोत्साहित करते थे। जेल में बिताए समय में मैंने बहुत कुछ सीखा। उसने मेरा अंहकार तोड़ दिया।’

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