नई दिल्ली । नीति आयोग की बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू के विशेष राज्य के दर्जे की मांग का समर्थन करते हुए आगामी राजनीती का संकेत दिया है।
नीतीश कुमार ने न सिर्फ चंद्रबाबू नायडू के मांग का समर्थन किया बल्कि बिहार के लिए भी विशेष राज्य के दर्जे की मांग दोहरा दी। नीतीश ने प्रति व्यक्ति आय, शिक्षा, स्वास्थ्य और मानव विकास इंडेक्स में बिहार को काफी नीचे बताते हुए विशेष राज्य के दर्जे की मांग की है।
पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी नायडू की मांग का समर्थन किया है। बता दें नीति आयोग की दो दिवसीय बैठक का आज पहला दिन था और इस बैठक में नायडू ने कई अहम मुद्दों को उठाया। इस बैठक में नायडू ने राज्य विभाजन, विशेष राज्य का दर्जा और पोलावरम परियोजना से संबंधित मु्द्दों को उठाया।
पूरे देश में 2019 के लिए केंद्र की बीजेपी सरकार के खिलाफ एकजुट होते विपक्ष के सामने नीतीश का यह बयान एक नया विकल्प खोलता हुआ दिखाई दे रहा है। कांग्रेस पहले ही नीतीश को विपक्ष के ‘महागठबंधन’ में शामिल करने पर विचार कर रही है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोहिल ने कहा, ‘अभी नीतीश कुमार फासीवादी बीजेपी के साथ हैं। हमें नहीं पता कि उनकी क्या मजबूरी है कि उनके साथ चले गए। दोनों का साथ बेमेल है। अगर कोई संभावना बनती है तो हम अपने सहयोगी दलों के साथ बैठकर इस पर जरूर चर्चा करेंगे।’
ज्ञात रहे कि नायडू की पार्टी टीडीपी भी एनडीए का हिस्सा थी मगर विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर वह इसी साल बीजेपी से अलग हो गई थी।
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