नई दिल्ली । केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि कांग्रेस पार्टी ‘विचारधारा विहीन’ हो गई है, क्योंकि वह ‘केवल एक व्यक्ति नरेंद्र मोदी की रट लगाती है।’ जेटली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आक्षेपों के लिए एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की बुद्धि पर सवाल उठाते हुए कहा कि बुद्धि तो अनुभवों से ही आती है, विरासत में नहीं मिलती।
ज्ञात रहे कि महाराष्ट्र में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने बड़ी कंपनियों को 2।5 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ किए जाने को लेकर केंद्र की भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर हमले किए थे।
इसके साथ ही उन्होंने मुद्रा योजना की भी आलोचना की थी। जेटली ने कहा कि 2008-2014 के दौरान संप्रग सरकार ने बैंकों के जरिए 15 बड़े कर्ज चूककर्ता कर्जदारों को बिना सोचे विचारे पैसा दिया। उन्होंने कहा है कि गांधी (जर्मनी के राजनीतिज्ञ) गोएबल्स का तरीका अपनाते हुए ‘तथ्य से विपरीत बातें कर रहे हैं।’
जेटली ने लिखा है, ‘एक राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष के लिए बैंक परिचालन की प्राथमिक प्रक्रिया की समझ नहीं होना पूरी पार्टी ही नहीं देश के लिए भी चिंता का विषय होना चाहिए। वंशवाद आधारित राजनीतिक दलों में राजनीतिक पद वंशानुगत होते हैं। दुर्भाग्य से बुद्धिमानी वंशानुगत नहीं होती है। यह सीख कर हासिल की जाती है।’ उन्होंने अपने इस पोस्ट का शीर्षक ‘क्या कांग्रेस विचारधारा विहीन है? क्या मोदी का विरोध ही मात्र विचारधारा है?’ दिया है।
राहुल गांधी ने इसी सप्ताह एक कार्यक्रम में मोदी की नीतियों पर प्रहार के लिए अमेरिका के सफल उद्योगपतियों का हवाला दिया था। उन्होंने कोका-कोला के संस्थापक को ‘शिकंजी बेचने वाला’ व मैक्डोनाल्डस के संस्थापक को ‘डब्बावाला’ बताया था। जेटली के अनुसार, ‘उन्होंने जो कुछ कहा वह तथ्यात्मक रूप से गलत था, लेकिन बड़ा बिंदु यही है कि उन्होंने उन कामों में ऐसे गुण देखे जो अनेक स्टार्टअप शुरू करने का आधार बन सकते हैं।’
राहुल पर तंज कसते हुए जेटली ने लिखा है, ‘भारत एक खोज’ जैसी महान रचना के लेखक (जवाहरलाल नेहरू) के ये पड़-नाती अपनी ‘त्रुटियों’ की इसी प्रथा पर चलते हुए इस देश को ‘कोका कोला की खोज’ शीर्षक एक महान कृति दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि गांधी के बयान में कुछ भी वैचारिक नहीं है बल्कि इसमें ‘सिर्फ मोदी-विरोध की जड़ता दिखती है।
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