छिंदवाड़ा । वैसे तो जिले का स्वास्थ्य विभाग किसी न किसी मामले में सुर्खियों में रहता है इस बार विभाग ने जिंदाको मृत बनाने वाले जिला अस्पताल के डॉक्टर दिनेश ठाकुर को मेडीकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद से नवाजा है जबकि इस घटना के बाद उन पर निलंबन की कार्रवाई की गई थी और उक्त डॉक्टर को बटकाखापा के धनोरा स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ किया गया था
बावजूद इसके विभाग ने उक्त डॉक्टर को मेडीकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर बना दिया है। डॉक्टर को इस पद से नवाजे जाने से पीडि़त परिवार खासा नाराज है। परिवार वालों का कहना है कि, जिला अस्पताल में इतना बड़ा घटनाक्रम को अंजाम देने वाले ऐसे डॉक्टर जिसके कारण पूरे स्वास्थ्य विभाग की किरकिरी हुई थी, बजाए सजा देने के उसे पद से नवाजा जाना गलत है। पीडि़त परिवार का कहना है कि वे इस मामले में मेडीकल कॉलेज के डीन और प्रदेश के मुखिया से मामले की शिकायत करेंगे ताकि इस तरह के घटना की पुनरावृत्ति ना हो।
गौरतलब है कि ४ मार्च को सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए प्रोफेसर कॉलोनी निवासी हिमांशु भारद्वाज को जिला अस्पताल लाया गया था जहां से उसे नागपुर भेजा गया और नागपुर के चिकित्सकों ने उसका ब्रेेन डेड बताकर दोबारा जिला अस्पताल वापस भेज दिया था
यहां बिना जांच के डॉक्टर ठाकुर ने उसे मृत बता दिया था। दूसरे दिन जब हिमांशु को पीएम के लिए ले जाया जा रहा था तब अस्पताल के एक सफाई कर्मी संजू सारवान ने उसके शरीर में हरकत देख डॉक्टरों को इसकी जानकारी दी जिसके बाद प्रबंधन हरकत में आया और पीडि़त परिवार ने हिमांशु को उपचार के लिए दोबारा नागपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां करीब एक सप्ताह तक चले उपचार के बाद उसने दम तोड़ दिया था।
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