कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी ने सरकार बनने के 15 दिन बाद अपने मंत्रिमंडल का विस्तार बुधवार को किया जिसमें 25 मंत्रियों को शामिल किया. जिन 25 मंत्रियों को शामिल किया गया है उसमें14 मंत्री कांग्रेस के, नौ मंत्री सहयोगी दल जेडीएस से और एक- एक मंत्री बसपा और केपीजेपी से हैं. बसपा से जेडीएस का जहां चुनाव पूर्व गठबंधन था वहीं नवगठित केपीजेपी के विधायक ने गठबंधन को समर्थन दिया था. ये सभी कैबिनेट रैंक के मंत्री हैं. हालांकि, कैबिनेट में जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन के कई नेताओं को शामिल नहीं किया गया जिसको लेकर पार्टी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. कांग्रेस के नाराज नेताओं ने तो बैठक भी कर डाली है. उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार का कहना है कि पार्टी सभी का ख्याल रखेगी.
कुमारस्वामी के बड़े भाई एच डी रेवन्ना को मिला मंत्री पद
पूर्ववर्ती सिद्धारमैया सरकार के कई मंत्रियों को नए मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली जिनमें एमबी पाटिल, दिनेश गुंडू राव, रामालिंगा रेड्डी, आर. रोशन बेग, एचके पाटिल, श्यामनूर शिवशंकरप्पा, तनवीर सैत और सतीश जारखीहोली शामिल हैं. कैबिनेट में शामिल किए जाने वाले नेताओं में कुमारस्वामी के बड़े भाई एच डी रेवन्ना और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार हैं. जेडीएस के जीटी देवगौड़ा को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है जिन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को मैसुरू के चामुंडेश्वरी सीट से हराया था. बहरहाल सिद्धारमैया बादामी सीट से विजयी हुए थे और अब कांग्रेस विधायक दल के नेता हैं. बसपा विधायक महेश और केपीजेपी के आर. शंकर भी कैबिनेट मंत्री बने हैं. कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर शंकर ने पार्टी छोड़ दी थी और उन्होंने हावेरी जिले की राणेबन्नूर विधानसभा सीट पर पूर्व कांग्रेसी विधायक केबी कोलीवाड को हराया था.
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