इंदौर 06 जून 2018 : जीवनशैली का बुरा प्रभाव आपकी सेहत पर पड़ने के साथ आपकी प्रजनन क्षमता पर भी पड़ता है, प्रजनन क्षमता का मतलब होता है प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करना लेकिन यदि प्रजननक्षमता कमजोर हो जाती है, तो इसके कारण महिला को प्रेग्नेंट होने में बहुत समस्या का सामना करना पड़ता है, और प्रजनन क्षमता कमजोर होने के कारण अंडकोष में ज्यादा अंडे नहीं बनते है, प्रजननक्षमता के कमजोर होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे की यदि आप अधिक पतली है, हमेशा लैपटॉप को अपनी गोद में रखकर काम करती हैं, अपने शरीर को आराम नहीं देती है, किसी शारीरिकसमस्या के कारण, अधिक धूम्रपान और शराब का सेवन करने के कारण, आदि ये सब कुछ ऐसे कारण हैं जो आपकी प्रजनन क्षमता को कमजोर करते हैं लेकिन आप कुछ खाद्य पदार्थो का सेवन करकेऔर कुछ अन्य तरीको का इस्तेमाल करके अपनी प्रजनन क्षमता को बढ़ा सकते हैं।
ये बात आज अरिहंत हॉस्पिटल में आयोजित सम्मान समारोह इंफर्टिलिटी विशेषज्ञ डॉ जयश्री श्रीधर ने कही | इंदौर में एक वर्ष से भी समय में 200 से भी अधिक बाँझपन के उपचार कर बच्चो काजन्म करवा चुकी डॉ जयश्री श्रीधर ने अरिहंत हॉस्पिटल के स्टाफ के लिए आयोजित वर्कशॉप में बताया की बाँझपन का सबसे बड़ा कारण अव्यवस्तिथ दिनचर्या है उन्होंने बताया की
1) पौष्टिक तत्व-शरीर को ठीक प्रकार से काम करने के लिए कई तरह के पौष्टिक तत्वों की आवश्यकता होती है. अगर आप सही प्रकार का आहार नहीं लेते हैं, तो इसका असर फर्टिलिटी पर पड़ सकताहै. तीखे, खट्टे, गर्म और नमकीन पदार्थों का ज़्यादा सेवन करने से पित्त कुपित होकर वीर्य व अण्डाणु का क्षय करता है, जिससे नपुंसकता पैदा होती है.
- नींदकी कमी: अगर आप रोज़ाना 8 घंटे की पर्याप्त नींद नहीं लेते, तो शरीर में हार्मोंस का असंतुलन हो जाता है, जो इंफर्टिलिटी का कारण बनता है. आपकी देर रात तक जागने की आदत आपकीफर्टिलिटी के लिए ख़तरनाक साबित हो सकती है, इसलिए इस आदत को जल्द से जल्द छोड़ दें.
- मोबाइलफोन या लैपटॉप का अत्यधिक इस्तेमाल: पुरुष बांझपन और सेल फोन के बीच संबंध को लेकर कई रोचक बातें सामने आई हैं. बांझपन की समस्या के लिए मोबाइल फोन और लैपटॉप काठीक प्रकार से इस्तेमाल न करना भी बड़ा कारण है. शर्ट की जेब में दिल के पास और पैंट की जेब में रखने पर मोबाइल से निकलने वाली रेज़ फर्टिलिटी के लिए ख़तरनाक साबित होती हैं. यह पुरुषों केशुक्राणुओं पर बुरा प्रभाव डालती हैं और उनकी संख्या व क्षमता में बीस से तीस प्रतिशत तक की कमी कर देती हैं. इसलिए बेहतर होगा कि अपनी गोद में रखने की बजाय लैपटॉप को मेज़ पर रखकर इस्तेमाल करें.
- बढ़तातनाव: अत्यधिक तनाव कुछ हार्मोंस पर प्रभाव डालता है, जो स्पर्म बनाने के लिए अनिवार्य होते हैं. तनाव पुरुष को मानसिक व शारीरिक रूप से शिथिल कर देता है, जिससे उनमें इंफर्टिलिटीका ख़तरा बढ़ जाता है. वहीं आईवीएफ एक्सपर्ट शैली गुप्ता के अनुसार, तनाव से महिलाओं के मस्तिष्क, पिट्यूटरी ग्लैंड और ओवरीज़ के बीच कम्यूनिकेशन बिगड़ जाता है. तनाव के दौरान शरीर मेंकई तरह के न्यूरोकेमिकल परिवर्तन होते हैं, जो महिलाओं को इंफर्टिलिटी का शिकार बनाते हैं.
- धूम्रपान:स्मोकिंग से शरीर का रक्तसंचार धीमा पड़ जाता है. जहां एक ओर यह पुरुषों के शुक्राणुओं पर बुरा प्रभाव डालता है, वहीं महिलाओं में गर्भपात, अण्डाणुओं को नुक़सान पहुंचाना, सर्वाइकलकैंसर व फैलोपियन ट्यूब से जुड़ी समस्याएं आदि पैदा करता है. इसलिए स्मोकिंग करना छोड़ दीजिए, जिससे शरीर में अच्छी तरह से ब्लड सर्कुलेट होना शुरू हो सके और आप इंफर्टिलिटी से बच सकें.
- अल्कोहल: यदि आप 60 मि.ली. से अधिक मात्रा मेंअल्कोहल लेते हैं, तो आप इंफर्टिलिटी के शिकार हो सकते हैं. ज़्यादा शराब पीने से अक्सर लोगों को कई गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ताहै, परंतु उन बीमारियों में से इंफर्टिलिटी की जानकारी बेहद कम लोगों को होती है. शराब के कारण शरीर में टेस्टोस्टेरॉन का स्तर कम होने लगता है, जिसके कारण पुरुषों में शुक्राणु उत्पादन की क्षमताकम हो जाती है. वहीं एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि हफ़्ते में 3-4बार अल्कोहल का सेवन करनेवाली महिलाओं को कंसीव करने में सामान्य से कहीं अधिक समय लग जाता है.
- बहुतज़्यादा एक्सरसाइज़ या वर्कआउट: फिट व हेल्दी रहने के लिए एक्सरसाइज़ बेहद ज़रूरी है, पर जिस तरह अति किसी भी चीज़ की हानिकारक होती है, ठीक उसी तरह बहुत ज़्यादा एक्सरसाइज़आपकी फर्टिलिटी को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है. रोज़ाना 1 घंटा और हफ़्ते में 7 घंटे से ज़्यादा एक्सरसाइज़ आपकी फर्टिलिटी के लिए ख़तरनाक हो सकती है. बहुत ज़्यादा एक्सरसाइज़ काख़ामियाज़ा बहुत-से एथलीट्स को भुगतना पड़ता है, जो इंफर्टिलिटी की समस्या से जूझते हैं.जो पुरुष स्टेरॉयड का इस्तेमाल कर बॉडी बनाते हैं, उनके शुक्राणुओं पर उसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता हैऔर परिणामस्वरूप उनके पिता बनने की संभावना न्यूनतम रह जाती है.
- ओवरईटिंगया बहुत ज़्यादा जंक फूड का सेवन: ओवरईटिंग का सीधा असर मोटापे के रूप में दिखाई देता है, जो आपकी फर्टिलिटी के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है. जंक फूड का सेवन शरीर में ब्लडशुगर की मात्रा बढ़ा देता है और यह समस्या का कारण इसलिए बन जाता है, क्योंकि इंसुलिन और फर्टिलिटी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं.
- अनसेफसेक्स: अनसेफ सेक्स के कारण कई सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज़ (एसटीडी) होने की आशंका बढ़ जाती है. महिलाओं में इंफर्टिलिटी का एक कारण एसटीडी भी है. पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिसीज़के कारण महिलाओं की फैलोपियन ट्यूब्स ब्लॉक हो जाती हैं, जो उनकी फर्टिलिटी में बाधक बनती हैं. अनसेफ सेक्स पुरुषों की फर्टिलिटी को भी प्रभावित करता है, पर जल्द लक्षण दिखने के कारणउनका इलाज जल्दी हो जाता है, जो महिलाओं के मामले में देरी से होता है.
- बहुतज़्यादा कैफीन का सेवन: चाय, कॉफी, चॉकलेट का सेवन इंफर्टिलिटी का कारण नहीं बनता, पर अगर आप इनके आदी हैं और इनके बिना आपकी ज़िंदगी रुक जाती है, तो आपको इस बारे मेंथोड़ा सोचना होगा. कुछ स्टडीज़ में यह बात सामने आई है कि अत्यधिक कैफीन का सेवन करनेवाली महिलाओं को अन्य महिलाओं के मुक़ाबले कंसीव करने में अधिक समय लगता है यानी अगर आपजल्दी ही मां बनना चाहती हैं, तो कैफीन का सेवन कम कर दें.
- बॉडीफिट कपड़े पहनना: यदि आप बहुत ज़्यादा टाइट कपड़े पहनते हैं, तो इसके कारण आपको फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. बॉडी फिट कपड़े ब्लड सर्कुलेशन मेंपरेशानी उत्पन्न करते हैं, जिसका असर नसों पर काफ़ी गहरा पड़ता है और इस कारण इंफर्टिलिटी की समस्या बढ़ जाती है.
- बॉडीहीट: बहुत ज़्यादा टाइट कपड़े पहनना, ज़्यादा व लगातार बाइक चलाना या फिर बहुत गर्म पानी से नहाना आदि टेस्टिकल्स का तापमान बढ़ाता है, जिससे स्पर्म काउंट भी घटता है और उनकीगुणवत्ता भी प्रभावित होती है. महिलाओं के शरीर में अत्यधिक गर्मी उनकी फर्टिलिटी को प्रभावित करती है.
फर्टिलाइसेशन के बारे में डॉ जयश्री श्रीधर ने बताया की फर्टिलाइसेशन एक ऐसा शब्द है जिसे काफी लोगो ने सुना है। हालाँकि लोग आई वी ऍफ़ शब्द से परिचित हैं, परंतु काफी लोग यह नहीं जानते कियह आखिरकार हैं क्या ।आई वी ऍफ़ एक प्रजनन उपचार हैं जो कि उन लोगों के लिए बना है जो शिशु पाने में असमर्थ हैं । यह एक चिकित्सा प्रक्रिया है जिससे बाँझ दम्पत्तियो का उपचार होता है । आईवी
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