नई दिल्ली : उपचुनाव के नतीजों में भले ही बीजेपी को निराशा हाथ लगी हो लेकिन एक खबर से मोदी सरकार को जरूर राहत मिलेगी. वित्त वर्ष 2018 की अंतिम तिमाही (जनवरी से मार्च 2018) में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.7 प्रतिशत रही है. वित्त वर्ष 2018 की दिसंबर को खत्म हुई तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 7 प्रतिशत रही थी. आर्थिक विकास के मोर्चे पर आए जीडीपी के आंकड़े सरकार के लिए खुश करने वाले हो सकते हैं. यह खबर ऐसे समय में आई है जब पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच सरकार की आलोचना हो रही है.
6.7 फीसदी रहने का अनुमान था
इससे पहले जनवरी से मार्च 2018 के बीच जीडीपी ग्रोथ रेट 6.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था. आपको बता दें कि पिछले साल की समान अवधि में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.1 प्रतिशत रही थी. जीडीपी ग्रोथ के मामले में देश की अर्थव्यवस्था एक बार फिर दुनिया में सबसे तेज हो गई है. वित्त वर्ष 2018 की अप्रैल से जून की तिमाही में ग्रोथ रेट 5.7 प्रतिशत और सितंबर तिमाही में यह 6.3 फीसदी रही थी.
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