इंडियन ओवरसीज बैंक को 3,606.73 करोड़ रुपये का घाटा

नई दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक (indian overseas bank) को मार्च में समाप्त वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में 3,606.73 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ है. इसकी प्रमुख वजह फंसे हुए कर्ज के प्रावधान में वृद्धि होना है. इससे पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की जनवरी-मार्च तिमाही में बैंक को 646.66 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था. शेयर बाजार को दी जानकारी के अनुसार समीक्षाधीन अविध में बैंक को 5,814.42 करोड़ रुपये की शुद्ध आय हुई है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 5,661.70 करोड़ रुपये थी.

बैंक का एनपीए 15.33 प्रतिशत रहा
बैंक का इस अवधि में फंसे कर्ज के लिये प्रावधान बढ़कर 6,774.55 करोड़ रुपये हो गया जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में केवल 1,789.74 करोड़ रुपये था. बैंक की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) इस दौरान उसके सकल ऋण का 25.28 प्रतिशत रही हैं जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 22.39 प्रतिशत थी. बैंक का शुद्ध एनपीए उसके शुद्ध ऋण का 15.33 प्रतिशत रहा है. पूरे वित्त वर्ष 2017-18 में बैंक को 6,299.49 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ है जो 2016-17 में 3,416.74 करोड़ रुपये था.

इससे पहले एसबीआई को बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 7,718.17 करोड़ रुपये का घाटा होने की खबर आई थी. वसूली में फंसे कर्जों (NPA) के लिए नुकसान के ऊंचे प्रावधान करने के कारण बैंक को इतना बड़ा घाटा हुआ. इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में देश के इस सबसे बड़े बैंक ने 2,814.82 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था. दिसंबर 2017 को समाप्त तीसरी तिमाही में बैंक को 2,416.37 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था.

Comments are closed.