नई दिल्ली । देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स का इन्फेक्शन रेट काफी बढ़ गया है। साल २०१६-१७ में एम्स का इन्फेक्शन रेट ६.९ पर्सेंट हो गया, जो साल २०१५-१६ में ५.७ पर्सेंट था। एम्स के इन्फेक्शन रेट में १.२ पर्सेंट का इजाफा हुआ है। इन्फेक्शन बढ़ने की वजह से मरीजों का अस्पताल में स्टे भी बढ़ गया है। यह स्थिति तब है जब मोदी सरकार के सरकारी अस्पतालों में साफ-सफाई को बढ़ावा देने के लिए शुरू किए गए कायाकल्प अवॉर्ड २ साल से एम्स को मिल रहा है। दिल्ली एम्स की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।
आमतौर पर इन्फेक्शन रेट में थोड़ा बहुत ऊपर नीचे होता है, लेकिन १ साल में १.२ पर्सेंट तक बढ़ना सिस्टम की कमी को दर्शा रहा है। साल २०१४-१५ में इन्फेक्शन रेट ५.३८ पर्सेंट था। इस वजह से हॉस्पिटल में मरीजों का स्टे भी केवल ४.३ दिन ही था, जबकि एम्स के कार्डियो न्यूरो सेंटर में स्टे रेट ६.८ दिन था। साल २०१५-१६ में इन्फेक्शन ०.३२ पर्सेंट बढ़ कर ५.७ पर्सेंट तक पहुंच गया। इसकी वजह से मरीज का अस्पतालों में रुकने का समय में भारी इजाफा हुआ। मेन हॉस्पिटल में औसत स्टे ७.७ दिन तक पहुंच गया। साल २०१६-१७ की रिपोर्ट में इन्फेक्शन रेट ६.९ पर्सेंट रहा, इससे मरीजों का अस्पताल में रुकने का समय ७.७ दिन से सीधे बढ़कर ९.८ दिन हो गया।
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