नई दिल्ली । चलती ट्रेन में दरवाजे पर खड़े लोगों के हाथों से मोबाइल झपटने वाला 14-15 साल का किशोर बालिग होते ही चोरों का सरगना बन गया। 17 साल की उम्र में लूटपाट और झपटमारी में पुलिस के हत्थे चढ़ा तो उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया, लेकिन यहां भी वह नहीं सुधरा। यहां से उसने कुछ ऐसे नाबालिग खोज लिए जो उसके साथ चोरी करने लगे। आज उसके गिरोह में 10-12 नाबालिग हैं, लेकिन अब सरगना खुद सलाखों के पीछे पहुंच चुका है।
सौ से ज्यादा चोरियां कर चुका है गिरोह
आरोपी की पहचान सुनील (19) के रूप में हुई है। पुलिस ने उसके साथ दो अन्य नाबालिग बदमाशों को भी पकड़ा है और उनको बाल सुधार गृह भेज दिया। पुलिस की मानें तो सुनील का गिरोह अब तक सौ से ज्यादा चोरी और सेंधमारी की वारदातों को अंजाम दे चुका है। पुलिस उससे पूछताछ कर गिरोह के अन्य बदमाशों के बारे में पता लगा रही है।
सीसीटीवी कैमरों ने खोला राज
पुलिस उपायुक्त नूपुर प्रसाद ने बताया कि मंगलवार सुबह छोटा बाजार निवासी भूपेंद्र सिंह के घर से एक लैपटॉप, चार मोबाइल और सात हजार रुपये चोरी होने की सूचना मिली थी। वहीं, एक अन्य घर में भी आइ फोन चोरी होने की शिकायत मिली। घरों के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी गई तो गली में सुनील के साथ तीन अन्य संदिग्ध लड़के नजर आए।
25 मामलों को सुलझाने का दावा
चोरों को दबोचने के लिए एसीपी भरत रेड्डी की देखरेख में थाना प्रभारी सुनील शर्मा, एएसआइ अशोक राणा, हेड कांस्टेबल दीपक, अभिमन्यु और संजीव की टीम गठित की गई। टीम ने शाहदरा इलाके से सुनील और दो नाबालिग लड़कों को पकड़ लिया। इनसे कड़ाई से पूछताछ की गई तो दोनों चोरियों के साथ 100 से ज्यादा मामलों में हाथ होने की बात कबूली। इनकी निशानदेही पर एक लैपटॉप, आइ फोन सहित आठ मोबाइल और कुछ नकदी बरामद हुई। पुलिस ने अब तक 25 मामलों को सुलझाने का दावा किया है। पुलिस को यह भी पता चला है कि गिरोह में चिंटू नाम का एक बालिग बदमाश भी शामिल है। पुलिस चिंटू सहित अन्य बदमाशों की तलाश में है।
पैरों में लगी चोट तो छोड़ दी झपटमारी
पूछताछ में सुनील ने बताया कि ट्रेन में मोबाइल झपटने के दौरान एक बार उसके पैर में गंभीर चोट लगी थी। इसके बाद वह झपटमारी छोड़ कर चोरी करने लगा। बाल सुधार गृह से बाहर आने के बाद उसने गिरोह बना लिया। वह मूलरूप से राजस्थान का रहने वाला है और उसके परिवार के लोग भी गलत कामों में लिप्त हैं।
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