अयोध्या । सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामनगरी अयोध्या में एक नए अध्याय का आगाज करेंगे। योगी आदित्यनाथ भगवान श्री राम व मां सीता के परिणय सूत्र के साथ युगों से प्रवाहमान अयोध्या-जनकपुर के संबंधों के नए अध्याय का सूत्रपात करेंगे। यह दुर्लभ मौका जनकपुर से अयोध्या के लिए शुरू सीधी बस सेवा की अयोध्या में अगवानी का होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ नेपाल के प्रधानमंत्री पीएम केपी शर्मा ओली मां सीता की जन्मस्थली जनकपुर से आज इस बस को अयोध्या के लिए रवाना किया है। मुख्यमंत्री प्रात: नौ बजे जनकपुर से आ रही बस की अगवानी के लिए बंधा तिराहा पर मौजूद रहेंगे। इसी के साथ ही मुख्यमंत्री का रामनगरी से सरोकार परिभाषित होगा।
यह है मुख्यमंत्री का पूरा कार्यक्रम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनकपुर-सीतामढ़ी-अयोध्या बस सेवा स्वागत समारोह में हिस्सा लेने के लिए आ रहे हैं। साढ़े आठ बजे उनका हेलीकाप्टर हवाईपट्टी पर उतरेगा। करीब तीन घंटे का मुख्यमंत्री का कार्यक्रम है। वह हवाई पट्टी से पूर्वाह्न 8.35 बजे रामकथा पार्क में आयोजित स्वागत समारोह में कार से हिस्सा लेने के लिए रवाना होंगे। करीब एक घंटे के स्वागत समारोह में पर्यटनमंत्री रीता बहुगुणा जोशी भी मौजूद रहेंगी। जोशी कार से आएंगी।
स्वागत समारोह कार्यक्रम में वह दीपोत्सव आवरण का अनावरण करेंगे। इसके बाद वह नयाघाट सरयू तट के लिए प्रस्थान करेंगे। पूर्वाह्न साढ़े 10 बजे तक का उनका समय आरक्षित है। साढ़े 10 बजे वह त्रिमूर्ति होटल कोटसराय के लिया रवाना होंगे। वह पार्टी सांसद लल्लू ङ्क्षसह की भतीजी के शादी कार्यक्रम में यहां हिस्सा लेंगे। शादी कार्यक्रम में 10.55 बजे से 11.15 बजे तक रहेंगे। इसके बाद हवाई पट्टी के लिए रवाना होंगे। तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार पूर्वाह्न 11.30 बजे हवाई पट्टी पहुंचेंगे। 11.35 बजे वह हवाई पट्टी पर खड़े राजकीय हेलीकाप्टर से लखनऊ के लिए उड़ जाएंगे।
बीते वर्ष मार्च में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद योगी आदित्यनाथ का पहली बार रामनगरी में आगमन 30 मई को रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास जन्मोत्सव में हुआ था। इसके बाद मुख्यमंत्री दो बार और अयोध्या आए। दूसरी बार 26 जुलाई को मंदिर आंदोलन के पर्याय रहे रामचंद्रदास परमहंस को श्रद्धांजलि देने के लिए और तीसरी बार 18 अक्टूबर को दीपोत्सव मनाने।
योगी आदित्यनाथ को रामनगरी से सरोकार विरासत में मिला। गोरक्षपीठ के उत्तराधिकारी के रूप में वह न केवल मंदिर आंदोलन और ङ्क्षहदुत्व के चुङ्क्षनदा वाहकों में शुमार होकर अयोध्या से जुड़े बल्कि गुरु अवेद्यनाथ की यहां के कुछ स्थानीय संतों-महंतों से मित्रता के चलते उनका रामनगरी से वैयक्तिक समीकरण भी स्थापित हुआ।
सूबे के मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ के अयोध्या से जुड़ाव को तो जैसे सुर्खाब के पर लग गए। इसका संकेत उन्होंने बतौर मुख्यमंत्री अयोध्या की पहली यात्रा से ही दिया।
जब महंत नृत्यगोपालदास के जन्मोत्सव के मंच से उन्होंने रामनगरी के लिए 350 करोड़ से अधिक की विकास योजनाओं का एलान किया और स्पष्ट किया कि अयोध्या को वे पर्यटन के मानचित्र पर स्थापित करने को प्रतिबद्ध हैं। …तो परमहंस की पुण्यतिथि में शरीक होकर उन्होंने संकेत दिया कि मुख्यमंत्री पद के दायित्व और गौरव का वहन करने के साथ वे राम मंदिर के प्रति पूर्व की तरह जवाबदेह हैं।
18 अक्टूबर को एक साथ सर्वाधिक दीप जलाने का विश्व कीर्तिमान बनाने के बोध से रामनगरी में दीपोत्सव मनाकर मुख्यमंत्री ने जता दिया कि वे अयोध्या को प्रतिष्ठा दिलाने के लिए पूर्ण प्रतिबद्ध हैं। अयोध्या से जुड़ी कई अन्य विकास योजनाओं से यह संदेश भी स्थापित हुआ कि प्रधानमंत्री के लिए जो अपनत्व बनारस के प्रति है, मुख्यमंत्री के लिए वैसा ही अपनत्व अयोध्या के प्रति है।
जनकपुरी-अयोध्या बस सेवा शुरू
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनकपुरी-अयोध्या बस सेवा को हरी झंडी दिखाई। इसके साथ ही अब आसानी से दोनों देशों के लोग मां सीता की जन्मस्थली से भगवान श्रीराम की जन्मस्थली तक पहुंच सकेंगे। पीएम मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने संयुक्त रूप से देवी सीता के जन्म स्थान जनकपुर से भगवान राम के जन्म स्थान अयोध्या को जोड़ने वाले रामायण सर्किट बस मार्ग का उद्घाटन किया।
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