पर्यावरण के अनुकूल वस्तुएं खरीदेगी सरकार, वित्त मंत्रालय बना रहा सस्टेनेबल पब्लिक प्रोक्योरमेंट पॉलिसी
नई दिल्ली । सरकारी खरीद में अब ऐसे उत्पादों को प्राथमिकता दी जाएगी जो पर्यावरण के अनुकूल हैं और जिनमें बिजली की खपत कम है। वित्त मंत्रालय एक ‘सस्टेनेबल पब्लिक प्रोक्योरमेंट पॉलिसी’ बना रहा है, जिसके लागू होने के बाद सरकारी विभागों में ऐसी वस्तुओं और सेवाओं को तवज्जो दी जाएगी जिनका इस्तेमाल पर्यावरण के हित में है। मंत्रालय ने इस संबंध में एक टास्क फोर्स गठित की है, जो इसी महीने अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार दुनियाभर में 40 से अधिक देशों में ‘सस्टेनेबेल पब्लिक प्रोक्योरमेंट पॉलिसी’ लागू है। भारत में फिलहाल ऐसी कोई नीति नहीं है। यही वजह है कि सरकारी खरीद में अब तक इस ओर पूरा ध्यान नहीं दिया गया। हालांकि हाल के वर्षो में एलईडी लैंप के व्यापक इस्तेमाल और बीबीई स्टार एनर्जी रेटिंग जैसे कुछ कदम उठाए गए जिनसे सरकारी विभागों को आर्थिक और पर्यावरण से जुड़े लाभ हुए हैं। ऐसे में सरकारी खरीद करते वक्त पर्यावरण के अनुकूल वस्तुओं और सेवाओं को तवज्जो मिलने से इसका दोहरा लाभ होगा।
‘सस्टेनेबल पब्लिक प्रोक्योरमेंट पॉलिसी’ अपनाने से सरकारी खजाने के साथ-साथ देश के पर्यावरण को व्यापक लाभ हो सकते हैं। मंत्रालय ने ‘सस्टेनेबल पब्लिक प्रोक्योरमेंट पॉलिसी’ और एक्शन प्लान बनाने के लिए अधिकारियों की एक टास्क फोर्स का गठन किया है। वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के एक संयुक्त सचिव की अध्यक्षता वाली टास्क फोर्स इस क्षेत्र के अंतरराष्ट्रीय अनुभवों की समीक्षा करेगी और एक्शन प्लान तैयार करेगी। साथ ही यह उन उत्पादों और सेवाओं की सूची भी सुझाएगी, जिन्हें खरीदते वक्त पर्यावरण के हितों का ध्यान रखा जा सके।
टास्क फोर्स इस संबंध में उद्योग जगत, पर्यावरणविदों और शिक्षाविदों से व्यापक चर्चा भी कर रही है। टास्क फोर्स 15 मई तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
उल्लेखनीय है कि व्यय विभाग ने सात मार्च, 2018 को सस्टेनेबल पब्लिक प्रोक्योरमेंट पर एक प्रजेंटेशन दिया था। इस प्रजेंटेशन के बाद ही यह टास्क फोर्स बनाई गई है। प्रजेंटेशन के दौरान पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के अधिकारी भी मौजूद रहे थे।
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