कड़ी सुरक्षा में रिम्स पहुंचे लालू, डॉक्टर तय करेंगे आगे कहां रहना है

रांची। चारा घोटाले के सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव कड़ी सुरक्षा के बीच रिम्स पहुंच चुके हैं। रिम्स पहुंचते ही उन्हें भर्ती कर लिया गया है। सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक के तीसरे तल्ले पर केबिन में उन्हें रखा गया है। रिम्स में फिलहाल उनका इलाज मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ उमेश प्रसाद और डॉ डीके झा की देख रेख में शुरू किया गया है।

गौरतलब है कि पिछले 28 मार्च को लालू यादव को रांची के रिम्स से एम्स रेफर किया गया था। उनकी बढ़ती उम्र के उनका शुगर लेबल और क्रिएटिनिन लगातार बढ़ रही थी। बेहतर इलाज के लिए उन्हें एम्स रेफर किया गया था। करीब एक माह के इलाज के बाद फिर रिम्स में दाखिल किया गया है। लालू यादव का जांच कर रहे डॉ लाल मांझी ने बताया कि दिल्ली से आने के रास्ते में उन्हें इंसुलिन का इंजेक्शन दिया गया था।

एम्स प्रबंधन के फैसले के बाद उन्हें रिम्स लाया गया है। लालू यादव की रूटीन जांच की गई है। हालांकि डॉक्टर ने कहा उन्हें कमजोरी है। उनका पल्स और ब्लड प्रेशर का जांच किया गया है जिसमे बीपी 130/90 पाया गया है। रिम्स निदेशक डॉ.आरके श्रीवास्तव ने बताया है कि उनका इलाज शुरू कर दिया गया है। एम्स में जिस तरह से इलाज चल रहा था, उसी तर्ज पर यहां भी किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर रिम्स के डॉक्टर एम्स के डॉक्टरों से सलाह-मशविरा भी करेंगे।

पांच डाक्टरों की बनाई गई टीम

रिम्स निदेशक के अनुसार लालू प्रसाद के स्वास्थ्य का आकलन करने के लिए पांच डॉक्टरों की टीम बनाई गई है। इसमें मेडिसिन के डॉक्टर उमेश प्रसाद, न्यूरो के डॉ. अनिल कुमार, सर्जरी के डॉ. बाखला, नेत्र के डॉ. बिन्दुभूषण एवं यूरोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. ए जमाल शामिल हैं। इस बार कार्डियो विभाग के डॉक्टर को टीम में नहीं रखा गया है। माना जा रहा है कि यही टीम इलाज को आगे बढ़ाएगी।

रेलवे स्टेशन से रिम्स तक सुरक्षा के थे कड़े इंतजाम

रांची रेलवे स्टेशन से लेकर रिम्स तक कड़े सुरक्षा के इंतजाम थे। उनकी सुरक्षा में 4 मजिस्ट्रेट, 2 डीएसपी और 150 अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई है। रिम्स स्थित सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक के पास भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहे। वार्ड पहुंचने वाले मरीज व उनके परिजनों की गहनता से जांच की गई।

रिम्स के डॉक्टर तय करेंगे, कहां रहेंगे लालू

केंद्रीय जेल होटवार के अधीक्षक अशोक चौधरी ने बताया है कि लालू को जेल प्रशासन की ओर से इलाज के लिए रिम्स भेजा गया था। रिम्स ने स्थिति को समझते हुए एम्स रेफर किया था। अब रिम्स पहुंचने के बाद डॉक्टर तय करेंगे कि लालू प्रसाद जेल रहने के लिए फिट हैं या नहीं। जेल प्रशासन रिम्स के डॉक्टरों के निर्णय पर आगे बढ़ेगा। यदि डॉक्टर उन्हें जेल में रहने के लिए फिट बताएंगे तब जेल की ओर से अगला कदम उठाया जाएगा।

वीरवार को तीन लोग लालू से मिल सकेंगे

जेल अधीक्षक अशोक चौधरी के अनुसार लालू प्रसाद से मुलाकात का दिन गुरुवार तय है। एक मुलाकाती दिन में तीन व्यक्ति मिल सकते हैं। वह भी जेल प्रबंधन से अनुमति लेने के बाद। जेल अधीक्षक ने यह भी बताया है कि इससे पूर्व भी विशेष अनुमति लेकर लालू प्रसाद से मिला जा सकता है।

स्टेशन से रिम्स तक लगी समर्थकों की भीड़

राजधानी एक्सप्रेस के रांची स्टेशन पहुंचने के पूर्व से ही उनके समर्थकों की भीड़ स्टेशन पर जुटने लगी थी। बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे थे। कार्यकर्ता लालू प्रसाद की झलक पाने व उनका पैर छूने की होड़ में लगे रहे। कार्यकर्ताओं को उनसे दूर रखने की पूरी कोशिश की गई। यही हाल रिम्स में भी रहा। रिम्स परिसर में कार्यकर्ता सुबह से ही जुट गए थे, लेकिन सुपरस्पेशलिटी ब्लॉक में किसी को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई।

एम्स से रिम्स लाना सरकार का षड्यंत्र: जयप्रकाश यादव

लालू प्रसाद के साथ रिम्स पहुंचे राजद सांसद जयप्रकाश यादव ने कहा कि लालू यादव को बड़े अस्पताल एम्स से निकालकर रिम्स में भर्ती करना सरकार की साजिश है। लालू यादव ने एम्स प्रसाशन को पत्र लिखकर कहा था कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है और कई तरह की बीमारी है। उन्हें एम्स में ही रखा जाय। बावजूद इसके भाजपा ने साजिश के तहत उन्हें रिम्स भिजवा दिया। लालू यादव के जान को खतरा है। भारतीय जनता पार्टी उनके साथ अन्याय कर रही है।

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