वाशिंगटन । “अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एफबीआइ पर राजनीतिक हमले अमेरिका की सुरक्षा को कमजोर बनाते हैं। अपने बयानों से वे जनता के विश्वास को कमजोर बना रहे हैं जो अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी को ईमानदार, स्वतंत्र और निष्पक्ष मानते हैं।” एफबीआइ के निदेशक पद से निकाले जा चुके जेम्स कोमी ने ये बातें कहीं।
एफबीआई के पूर्व प्रमुख ने कहा कि, ट्रंप के राजनीतिक विरोधियों की छंटनी और कोमी को जेल भेजे जाने का उनका सुझाव ये स्पष्ट करता है कि ट्रंप का एफबीआइ पर हमला किस प्रकृति का है। इससे सार्वजनिक सुरक्षा प्रभावित होगी। ऐसे में जनता का एफबीआइ पर से भरोसा उठ सकता है। ट्रंप के इस तरह के हमले से सुरक्षा एजेंसी की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता में कमी आई है।
कोमी ने कहा, ये मुश्किल घड़ी है। आप इसे देखने में सक्षम नहीं होंगे लेकिन मुझे पता चलता है कि ऐसा हो रहा है। यही कारण है कि इस तरह का राजनीतिक कल्चर को खत्म कर देना चाहिए। आपको बता दें कि ट्रम्प ने पिछले मई में कोमी को एफबीआइ के निदेशक पद से हटा दिया था। जिसके बाद से ही कोमी और ट्रंप के बीच कोल्ड वार चल रहा है।
56 साल के कोमी 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान विवादों में आए थे। आठ नवंबर को होने वाले मतदान से 11 दिन पहले उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के खिलाफ ई-मेल मामले की दोबारा जांच की बात कही थी। हिलेरी ने बाद में उनके इस बयान को अपनी हार का प्रमुख कारण बताया था। दूसरी तरफ ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार टीम और रूस के संपर्को की जांच का नेतृत्व करने वाले कोमी पर गंभीर आरोप लगाए थे।
कोमी का राष्ट्रपति ट्रंप पर आरोप एक किताब की शक्ल में आने वाला है, जिसका नाम है ‘अ हायर लॉयल्टी’ जो मंगलवार को रिलीज होने वाली है। किताब में उन्होंने आगे लिखा है कि, ट्रंप में नेतृत्व की क्षमता पारदर्शी नहीं है, उनकी नेतृत्व क्षमता ईगो वाली है और व्यक्तिगत फायदे वाली है।
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