‘जिंदगी जीने के लिए माफ़ करना जरूरी’ जानें- 19 साल बाद क्यों पिघला जेसिका की बहन का दिल

नई दिल्ली । देश के हाई-प्रोफाइल जेसिका लाल मर्डर केस के दोषी मनु शर्मा को रिहा करने की खबरें कई महीनों से चर्चा में हैं। दरअसल, मॉडल जेसिका लाल की हत्या में उम्र कैद की सजा काट रहे मनु शर्मा को जेसिका की बहन सबरीना ने माफ कर दिया है। उन्होंने इस बाबत जेल अधिकारियों को चिट्ठी लिखी है। इसमें सबरीना ने कहा है कि मॉडल जेसिका लाल बहन सबरीना ने जेसिका की हत्या के अपराध में उम्रकैद की सजा भुगत रहे मनु शर्मा को माफ कर दिया है। इतना ही नहीं, सबरीना ने खत में कहा है- ‘अगर मनु शर्मा को रिहा किया जाता है तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है। इसकी कोई एक वजह नहीं है। जिंदगी जीने के लिए माफ करना और आगे बढ़ते रहना जरूरी है।’

तिहाड़ से निकलना मनु शर्मा के लिए आसान नहीं

वहीं, माना जा रहा है कि दिल्ली की तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे मनु शर्मा को भले ही जेसिका लाल की बहन सबरीना लाल ने माफ कर दिया हो, लेकिन मनु शर्मा के लिए तिहाड़ से बाहर आना अब भी टेढ़ी खीर है। सूत्रों के अनुसार, करीब छह महीने पहले सेंटेंस रिव्यू बोर्ड की बैठक के दौरान मनु शर्मा की अर्जी को खारिज कर दिया गया था।

अब सबरीना द्वारा मनु को माफ किए जाने के बाबत लिखी गई चिट्ठी के चर्चा में आने के बाद इसके कयास लगाए जा रहे हैं कि मनु शर्मा का बाहर आना मुमकिन हो सकता है। लेकिन, मंगलवार को सेंटेंस रिव्यू बोर्ड की प्रस्तावित बैठक के स्थगन के बाद इसमें अब और समय लग सकता है। हालांकि बैठक को क्यों स्थगित किया गया, इस बारे में कोई भी जेल अधिकारी बोलने को तैयार नहीं हैं।

जेल सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2017 में सेंटेंस रिव्यू बोर्ड की बैठक में मनु शर्मा की अर्जी को खारिज कर दिया गया था। इस बैठक में कैदियों के व्यवहार को देखते हुए सजा में कमी की जाती है। इसमें उन कैदियों की सजा में छूट पर विचार किया जाता है, जिन्होंने अच्छे आचरण के साथ जेल में 14 वर्ष का समय बिताया है।

दिल्ली सरकार तय करेगी तारीख 

जेल अधिकारियों के मुताबिक, बोर्ड की आगामी बैठक दिल्ली सरकार की ओर से तय तारीख पर होगी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक बोर्ड की बैठक हर चार महीने में होनी चाहिए। बैठक में सात सदस्य होते हैं। इनमें दिल्ली सरकार के जेल मंत्री, प्रधान गृह सचिव, विधि, न्याय व विधायी मामलों के सचिव, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, चीफ प्रोबेशन ऑफिसर, संयुक्त आयुक्त स्तर के पुलिस अधिकारी व तिहाड़ के महानिदेशक शामिल होते हैं।

जेल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार मनु शर्मा के व्यवहार को देखते हुए कुछ महीने पूर्व ही उसे सेमी ओपन जेल से ओपन जेल में भेज दिया गया था। ओपन जेल के नियमों के अनुसार कैदी जेल से दिन में काम के सिलसिले में बाहर रह सकता है और शाम को उसे वापस लौटना होता है।

ऐसे दोषियों को नहीं मिलता लाभ

दुष्कर्म के साथ हत्या, डकैती के दौरान हत्या, दहेज हत्या, 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे की हत्या, जेल में हुई हत्या, पैरोल के दौरान हुई हत्या, तस्करी के दौरान हुई हत्या, सरकारी कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान हुई हत्या के दोषी कैदी सेंटेंस रिव्यू बोर्ड से सजा में नरमी का आवेदन नहीं कर सकते हैं।

जेसिका लाल की बहन माफ कर चुकी हैं हत्यारे मनु शर्मा को

इससे पहले सोमवार को जेसिका की हत्या के 19 साल बाद उनकी बहन गुरुग्राम निवासी सबरीना लाल ने दोषी मनु शर्मा को माफ कर दिया। सबरीना ने कहा कि मनु शर्मा के तिहाड़ के ओपन जेल में शिफ्ट करने के फैसले पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। मॉडल जेसिका की हत्या में मनु शर्मा को उम्रकैद की सज़ा दी गई थी।

सबरीना का कहना है कि अगर उसे सजा में रियायत मिलती है तो उन्हें कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने पिछले महीने सेंट्रल जेल नंबर दो के वेलफेयर ऑफिसर को भेजे गए पत्र में लिखा है, मुझे पता चला है कि मनु जेल के अंदर काफी चैरिटी का काम कर रहा है।

उन्होंने कहा कि यह सुनकर मुझे लगता है कि वह शायद सुधरने की कोशिश कर रहा है। मनु पंद्रह साल से सजा काट रहा है। वह मैं मामले को खत्म करना चाहती हूं। उसे अब माफ कर दिया है। मैंने जेल कल्याण अधिकारी की तरफ से पीड़ित कल्याण फंड से मिलने वाले पैसों को भी लेने से मना कर दिया।

दो दशक पहले हुई थी हत्या

29 अप्रैल, 1999 को पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा ने एक पार्टी में 34 वर्षीय मॉडल जेसिका लाल की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जेसिका ने मनु को शराब परोसने से मना कर दिया था। 21 फरवरी, 2006 को मनु शर्मा कोर्ट से बरी हो गया। देश में हुए विरोध-प्रदर्शन के बाद केस की सुनवाई दोबारा दिल्ली हाई कोर्ट में हुई। 20 जनवरी, 2006 को उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

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