नई दिल्ली। देश में शानदार एक्सप्रेसवे और हाईवे के निर्माण के अलावा तेज रफ्तार वाहनों की उपलब्धता को देखते हुए सरकार ने वाहनों की गति सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके तहत अलग अलग किस्म की सड़कों पर अलग अलग प्रकार के वाहनों की गति सीमा में 10 से 20 किलोमीटर तक की बढ़ोतरी की गई है।
अब एम-1 वर्ग के वाहन ( चालक+अधिकतम नौ सीट क्षमता वाले एसयूवी ) एक्सप्रेसवे पर वाहन 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेंगे। जबकि सामान्य हाईवे पर इस वर्ग के वाहनों की अधिकतम गति सीमा 100 किलोमीटर तथा शहरी तथा अन्य इलाकों की सड़कों पर 70 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।
दूसरी ओर एम2 तथा एम3 वर्ग के वाहन ( चालक के अलावा नौ से अधिक सीट क्षमता वाली छोटी-बड़ी बसें ) एक्सप्रेसवे पर 100 किलोमीटर तथा सामान्य हाईवे पर 90 किलोमीटर की अधिकतम रफ्तार से दौड़ सकेंगे। शहरी व अन्य सड़कों पर इस वर्ग के वाहनों की अधिकतम रफ्तार 60 किलोमीटर होगी।
‘एन’ वर्ग के मालवाहक वाहनों के लिए एक्सप्रेसवे तथा सामान्य हाईवे पर 80 किलोमीटर की, जबकि शहरी व अन्य सड़कों पर 60 किलोमीटर की गति सीमा निर्धारित की गई है।
मोटरसाइकिलों के लिए भी अलग-अलग प्रकार की सड़कों पर अलग रफ्तार तय की गई है। अब मोटरसाइकिलों को एक्सप्रेसवे और सामान्य हाईवे पर 80 किलोमीटर जबकि शहरी व अन्य सड़कों पर 60 किलोमीटर की उच्चतम गति से दौड़ाना संभव होगा। क्वाड्रिसाइकिलों के एक्सप्रेसवे में प्रवेश पर पाबंदी होगी। परंतु हाईवे पर उन्हें 80 किलोमीटर तक की रफ्तार पर दौड़ाना संभव होगा। अन्य सड़कों पर इनके लिए अधिकतम 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की अनुमति दी गई है। तिपहिया वाहनो, थ्री ह्वीलर या ऑटो को भी एक्सप्रेसवे में प्रवेश नहीं मिलेगा। जबकि सामान्य हाईवे अथवा अन्य सड़कों पर इन्हें 50 किलोमीटर तक की अधिकतम रफ्तार पर चलाना संभव होगा।
सड़क मंत्रालय की अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई चालक उक्त गति सीमाओं से पांच फीसद तक अधिक रफ्तार पर वाहन चलाते पाया जाता है तो उसे नियम का उल्लंघन का दोषी नहीं माना जाएगा और न ही उसके खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 183 के तहत गति सीमा के अतिक्रमण की कार्रवाई की जाएगी।
यह पहला मौका है जब केंद्र सरकार की ओर से अलग-अलग प्रकार की सड़कों के हिसाब से विभिन्न वाहनों की अधिकतम गति सीमाएं अधिसूचित की गई हैं तथा इसमें शहरी सड़कों को भी शामिल किया गया है। इससे पहले सभी प्रकार के हाईवे के लिए विभिन्न वर्ग के वाहनों की पृथक गति सीमाएं केंद्र द्वारा तय की जाती थीं। जबकि शहरी सीमा के भीतर की सड़कों पर वाहनों की गति सीमा तय करने का अधिकार केवल नगरपालिकाओं को था। परंतु अब वे केवल केंद्र द्वारा शहरी सीमाओं के लिए निर्धारित गति सीमाओं के भीतर अपनी सीमाएं लागू कर सकेंगी। इससे पहले 5 अगस्त, 2014 को केंद्र सरकार ने वाहनों की नई गति सीमाएं तय की थी।
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