नकदी संकट में मोबाइल वॉलेट कंपनियों को हुआ फायदा, डिजिटल लेनदेन फिर बढ़े

नई दिल्ली । बीते कुछ दिनों में देश में नकदी संकट जैसे हालात हैं। देशभर के अधिकांश एटीएम में या तो कैश नहीं है या फिर उनमें काफी कम संख्या में नोट रह गए हैं। इस स्थिति का फायदा मोबाइल वॉलेट कंपनियों को हुआ है, जिनमें पेटीएम, मोबीक्विक और फ्लिपकार्ट के स्वामित्व वाली फोन-पे शामिल है। नकदी संकट के इस हालात के बीच इन सभी कंपनियों ने कहा है कि देश के कुछ हिस्सों में एटीएम और बैंक में नकदी की कमी के बीच डिजिटल ट्रांजेक्शन में तेजी देखने को मिली है।

One97 कम्युनिकेशन्स के स्वामित्व वाले पेटीएम में बीते महीने के दौरान लेनदेन में 30 फीसद तक का उछाल देखने को मिला है। कंपनी ने कहा है कि उसे यह ग्रोथ देश के अधिकांश राज्यों में जैसे कि आंध्रप्रदेश, बिहार, गुजरात, असम, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और तेलांगना समेत अन्य राज्यों में देखने को मिली है।

मोबीक्विक की को-फाउंडर और डायरेक्टर उपासना ताकू ने बताया कि हालिया नकदी संकट के कारण मोबाइल वालेट का इस्तेमाल लेनदेन के लिए तेजी से बढ़ा है। उन्होंने बताया, “हमने बीते कुछ दिनों में हमने अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर 27 फीसद का उछाल देखा है।” वहीं फोन-पे के प्रवक्ता ने बताया कि कैश क्रंच यानी नकदी की किल्लत ने एक बार फिर से डिजिटल वॉलेट प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल में इजाफा कर दिया है।

एटीएम में नकदी किल्लत की क्या है वजह:  नोटों की किल्लत के लिए बड़ी वजह छोटे नोटों की कमी है। नोटबंदी के समय वादा किया गया था कि 50, 100 की आपूर्ति बढ़ाई जाएगी और 200 रुपये के नए नोट जारी होंगे। नए नोट जारी हुए हैं लेकिन उनकी संख्या काफी कम है। सौ के पुराने नोट बैंकों को दिए जा रहे हैं, जिसे बैंक इसलिए इस्तेमाल नहीं कर रहे कि ये नोट एटीएम में फंस जाते हैं। अभी एटीएम को 50 रुपये के लायक बनाया भी नहीं गया है। नतीजन लोगों को छोटे नोट मिलने बंद हो गए हैं।

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