नई दिल्ली । संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) अपनी घरेलू कंपनियों के लिए भारत में बराबरी का बाजार चाहता है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन में दक्षिण और केंद्रीय एशिया मामलों की प्रधान उप सहायक मंत्री एलिस वेल्स ने कहा है कि सरकार अमेरिकी कंपनियों के लिए भारत में पहुंच संबंधी भेदभाव और अन्य द्विपक्षीय कारोबारी बाधाओं के समाधान के लिए भारत के साथ मिलकर काम कर रही है।
वेल्स ने कहा, “अमेरिका विमानन, ऊर्जा और रक्षा क्षेत्र के सौदों के जरिये भारत-अमेरिका कारोबारी संबंधों की क्षमताओं की पहचान करना चाहता है। हालांकि पिछले एक दशक के दौरान भारत के साथ हमारा द्विपक्षीय कारोबार दोगुना से ज्यादा बढ़ चुका है। फिर भी, हम अमेरिकी कंपनियों के लिए भारत में बराबरी के कारोबारी मौके सुनिश्चित करने के लिए भारत के साथ लगातार काम कर रहे हैं।”
वेल्स ने यह भी कहा कि किसी भी बड़े संबंध की तरह भारत-अमेरिका द्विपक्षीय कारोबार में भी कभी-कभी ऐसे मसले आ सकते हैं जिन पर आपसी सहमति नहीं हो। लेकिन दोनों देशों का शीर्ष नेतृत्व इससे सहमत है कि भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंध इतने महत्वपूर्ण हैं कि किसी एक मसले पर असहमति इन संबंधों की राह में रोड़ा नहीं बन सकती।
गौरतलब है कि मशहूर अमेरिकी बाइक हार्ले डेविडसन पर भारत में आयात शुल्क बढ़ाए जाने से खफा अमेरिका ने कुछ समय पहले भारतीय बाइक्स की अमेरिका में आयात पर भी शुल्क लगाने की बात कही। इस पर वेल्स का कहना था कि भारत में अमेरिका अपने उत्पादों के साथ वही व्यवहार चाहता है जो वह भारतीय उत्पादों को अपने यहां देता है।
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