नई दिल्ली । कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने फैसला किया है कि वह अब 10 लाख रुपये तक के दावे ऑफलाइन फिजिकल फॉर्म के माध्यम से भी स्वीकार करेगा। अपने पुराने सर्कुलर में ईपीएफओ ने ऑफिसेज को निर्देश दिये थे कि वे 10 लाख रुपये तक के ऑनलाइन क्लेम ही स्वीकार करेंगे।
ईपीएफओ ने अपने 13 अप्रैल, 2018 के सर्कुलर को प्रोविडेंट फंड्स (पीएफ) और इंप्लॉइज पेंशन स्कीम (ईपीएस) के लिए संशोधित कर दिया है। सर्कुलर के मुताबिक सभी 10 लाख रुपये से ऊपर के दावे अब ऑफलाइन माध्यम से जमा फॉर्म के जरिए भी स्वीकार किये जाएंगे। यही चीज पांच लाख से ऊपर के ईपीएस विड्रॉल सेटलमेंट के लिए भी लागू होती है।
यह फैसला तब लिया गया है जब विदेशी कर्मचारियों जिनमें मेंबर्स और क्लेमेंट्स भी शामिल हैं, की ओर से अपने दावे ऑनलाइन सब्मिट करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। मेंबर्स की ओर से शिकायतें मिलने के बाद यह निर्णय किया गया है कि अब ऑफलाइन दावों को भी स्वीकार किया जाएगा। यह जानकारी ईपीएफओ ने अपने सर्कुलर में दी है।
यह फैसला सेंट्रल प्रोविडेंट फंड कमिशनर (सीपीएफसी) के नेतृत्व में हुई बैठक में लिया गया है। यह बैठक मेंबर्स की ओर से क्लेम सब्मिट करते दौरान दिक्कतों के सामाधान निकालने के लिए की गई थी।
ईपीएफओ ने इस साल फरवरी में पीएफ और ईपीएस विड्रॉल के लिए ऑनलाइन दावें अनिवार्य कर दिये थे। संगठन ने अपने पुराने सर्कुलर में निर्देश दिया था कि तय सीमा से ऊपर के दावें फिजिकल फॉर्म में स्वीकार नहीं किये जाएंगे। ईपीएफओ ने अपने 13 अप्रैल, 2018 के सर्कुलर में फील्ड ऑफिसेज को निर्देश दिया था कि उन क्लेम फॉर्म को नियोक्ताओं के पास आगे के सत्यापन प्रक्रिया के लिए भेज दिया जाए जो दावे क्लेमेंट्स की ओर से ऑनलाइन किये गये हैं। यह कदम फ्रॉड को कम करने और सुरक्षा को बढ़ाने के मद्देनजर लिया गया है।
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