लखनऊ । न्यायिक अभिरक्षा में पीडि़त किशोरी के पिता की मौत के मामले में एसपी उन्नाव ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी है। रिपोर्ट में दस माह से दोनों पक्षों के बीच मुकदमेबाजी व बढ़ती रंजिश की बात सामने आई है। विधायक पक्ष की ओर से तीन मुकदमे दर्ज कराए गए थे।
रिपोर्ट में किशोरी की 21 जून, 2017 को बरामदगी के बाद दोनों पक्षों के बीच बढ़े विवाद को सिलसिलेवार बताया गया है। कहा गया है कि भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ दुष्कर्म के मामले को लेकर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी व पोस्टर बंटवाने को लेकर मुकदमे दर्ज कराए गए थे। 30 अक्टूबर, 2017 को माखी थाने में विधायक समर्थक की ओर से पर्चे बंटवाने के मामले को लेकर मानहानि की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।
एक नवंबर, 2017 को इसी थाने में आइटी एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई गई। तीन अप्रैल को हुए झगड़े व उसके बाद की कार्रवाई का ब्योरा भी दिया गया है। रिपोर्ट से भी स्थानीय पुलिस की चूक सामने आ रही है। दो पक्षों के बीच चल रही रंजिश को देखते हुए यदि पुलिस ने वक्त रहते ठोस कार्रवाई की होती, तो तीन अप्रैल जैसी घटना को टाला जा सकता था।
डीआइजी जेल ने उन्नाव कारागार पहुंचकर की जांच
डीआइजी जेल लव कुमार ने मंगलवार को उन्नाव कारागार पहुंचकर जांच की। खासकर जेल में उपचार व पीडि़त किशोरी के पिता को जिला अस्पताल ले जाए जाने के बिंदुओं की जांच की। डीआइजी बुधवार को अपनी रिपोर्ट शासन को देंगे।
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