नई दिल्ली । दिल्ली सरकार ने अधिकारियों पर काम नहीं करने का आरोप लगाया है। सरकार का कहना है कि खाद्य आपूर्ति विभाग में आज भी माफियाराज है, राशन वितरण में गड़बड़ी हो रही है। इस गड़बड़ी को रोकने के लिए सरकार जनवरी से ही घर तक राशन पहुंचाने की योजना लागू करना चाहती थी, लेकिन वरिष्ठ अधिकारी राशन चोरी को बढ़ावा दे रहे हैं।
मंत्री के कारण देरी हुई
वहीं, दूसरी तरफ अधिकारियों का कहना है कि इस योजना को शुरू करने में उनकी वजह से नहीं, बल्कि खाद्य आपूर्ति मंत्री के कारण देरी हुई है। 19 फरवरी को इस योजना की फाइल खाद्य आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन को भेजी गई थी। वहां से यह फाइल 27 फरवरी को लौटी है। अधिकारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाना गलत है।
अगली बैठक में प्रस्ताव लाने के लिए कहा गया
सचिवालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि 20 फरवरी को मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्य सचिव से कहा गया था कि वह अगली बैठक में इस बाबत प्रस्ताव पेश करें, लेकिन 27 फरवरी को मंत्रिमंडल की हुई बैठक में मुख्य सचिव प्रस्ताव नहीं लाए। बृहस्पतिवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में भी मुख्य सचिव कोई प्रस्ताव नहीं लाए। अब अगली बैठक में उन्हें प्रस्ताव लाने के लिए कहा गया है।
अधिकारी हीलाहवाली कर रहे हैं
उन्होंने कहा कि राशन के पैकेट्स अगर सीधे घरों तक पहुंचा दें तो भ्रष्टाचार खत्म होगा और राशन की चोरी पर रोक लगेगी। उन्होंने माना कि खाद्य विभाग में माफियाराज है और इसका समाधान घर पर डिलीवरी योजना हो सकती है, लेकिन वरिष्ठ अधिकारी हीलाहवाली कर रहे हैं।
राशन माफिया को बचा क्यों कर रहे हैं
सिसोदिया ने कहा कि जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस बाबत पूछा तो मुख्य सचिव ने खाद्य आयुक्त को छुट्टी दे दी, जबकि खाद्य आयुक्त सरकार से पूछे बगैर छुट्टी पर नहीं जा सकते। उन्होंने कहा कि हम उपराज्यपाल से पूछना चाहते हैं कि वह राशन माफिया को बचा क्यों कर रहे हैं। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने भी कहा है कि छुट्टियों में ही सही अधिकारियों को अगली मंत्रिमंडल बैठक में प्रस्ताव लेकर आना होगा। खाद्य आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन ने भी राशन को सीधे घरों तक पहुंचाने पर बल दिया।
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