नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार और नौकरशाहों के बीच चल रही खींचतान के बीच दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र में इस बार उपराज्यपाल के अभिभाषण पर भी सबकी निगाहें होंगी। चर्चा का विषय यही है कि क्या इस बार भी उपराज्यपाल सरकार की ओर से मिला अभिभाषण ज्यों का त्यों पढ़ देंगे या उसमें उनका वह रूख नजर आएगा जो इन दिनों मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री के पत्राचार में देखने को मिल रहा है।
निशाने पर बैजल
इस आशय के संकेत तो मिल गए हैं कि राजनिवास में सरकारी अभिभाषण का पूरा पोस्टमार्टम होगा। ‘आप’ सरकार जब से दिल्ली की सत्ता में आई है राजनिवास से इसका 36 का आंकड़ा रहा है। पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग पहले ‘आप’ सरकार के निशाने पर रहे, अब बैजल हैं।
जारी है ‘आप’ का हमलावर रुख
19 फरवरी की रात मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निवास पर मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ हुई मारपीट की घटना ने सरकार व नौकरशाहों के बीच रिश्ते को और तल्ख बना दिया है। उपराज्यपाल लगातार जहां मुख्यमंत्री को मौजूदा माहौल में सुधार के लिए सलाह दे रहे हैं, वहीं उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया उपराज्यपाल पर लगातार हमलावर हो रहे हैं।
‘आप’ सरकार के खिलाफ साजिश रचने का आरोप
‘आप’ भी उपराज्यपाल पर निशाना साध रही है। पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज उपराज्यपाल पर राजनिवास में ‘आप’ सरकार के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगा चुके हैं। इस स्थिति के बावजूद उपराज्यपाल संयमित व्यवहार का परिचय दे रहे हैं। यह बात अलग है कि इन सब बातों से राजनिवास और दिल्ली सचिवालय के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं।
देखने को मिल सकता है बदलाव
विश्वस्त सूत्रों की माने तो मौजूदा तल्खी का असर 16 मार्च से शुरू होने वाले बजट सत्र में भी नजर आएगा। सत्र के पहले दिन उपराज्यपाल का अभिभाषण होगा। यह अभिभाषण दिल्ली सरकार की ओर से ही तैयार होकर आता है। आमतौर पर उपराज्यपाल इसे हूबहू पढ़ते रहे हैं, लेकिन इस बार बदले हुए हालात में यहां थोड़ा बदलाव देखा जा सकता है।
उपलब्धियों के बखान पर कोई अड़चन नहीं
राजनिवास सूत्रों की माने तो अभिभाषण में सरकार की प्रशंसा व उपलब्धियों के बखान पर कोई अड़चन नहीं है, लेकिन उसमें वर्तमान में चल रहे विवाद का किसी भी रूप में जिक्र हुआ तो वह नहीं पढ़ा जाएगा। जिन शब्दों को लेकर विज्ञापन विवाद हुआ था, उन्हें भी नहीं पढ़ा जाएगा।
कुछ अपठनीय मिलता है तो उसे संशोधित किया जाएगा
सूत्र बताते हैं कि सरकारी अभिभाषण को पहले अधिकारियों द्वारा अच्छे से पढ़ा जाएगा, उसका भावार्थ भी जांचा जाएगा, अगर कहीं भी कुछ अपठनीय मिलता है तो उसे संशोधित किया जाएगा। वहीं, कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि शायद ‘आप’ सरकार उपराज्यपाल का अभिभाषण रखवाए ही नहीं, लेकिन ऐसा करने के लिए बजट सत्र को भी पिछले सत्र का हिस्सा बनाना होगा, जबकि बजट सत्र अलग ही होता है। इसलिए ऐसा कर पाना मुश्किल होगा।
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