लखनऊ । अयोध्या सदभावना समन्वय समिति के अध्यक्ष अमरनाथ मिश्रा ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के कार्यकारी सदस्य रहे मौलाना सलमान हसन नदवी पर गंभीर आरोप लगाया गया है। मिश्रा ने कहा कि नदवी ने उनसे अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिये 200 एकड़ जमीन, राज्यसभा में सदस्यता और 1,000 करोड़ रुपये मांग की है। फिलहाल हसन नदवी को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से हटा दिया गया है।
मिश्रा ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुये कहा कि वह पांच फरवरी को नदवी से मुलाकात की और बाबरी मस्जिद-राम जन्म भूमि मामले पर चर्चा की, जिसके बाद नदवी ने उनसे रूपयों के साथ सरकार में पद की मांग की है। नदवी ने मुझसे इस मुद्दे पर एक लिखित प्रस्ताव देने को कहा और मैंने भी यही किया, जिसे सभी को भेजा गया। वह मक्का की तरह अयोध्या और लखनऊ में भी एक मस्जिद बनाना चाहते हैं। इसके लिये लिए उन्होंने 200 एकड़ जमीन, राज्यसभा में सदस्यता और 1,000 करोड़ रुपये की डिमांड रखी है।
वहीं नदवी ने मिश्रा के दावों को खारिज करते हुये मिश्रा पर आरोप लगाया कि हिंदुओं और मुसलमानों के बीच तनाव बनाए रखने के लिए ऐसे मुद्दों को उठाते रहते हैं। ऐसे लोगों को अयोध्या में कोई मंदिर या मस्जिद नहीं बनाया जाना चाहिए। वह एक गलत आदमी हैं और उनका एकमात्र काम ईश्वर के काम में तनाव पैदा करना है। वे डरे हुए हैं कि हिंदू और मुस्लिम एकजुट होंगे। मैं केवल यही हूं जो इस मुद्दे को उठा रहा है। ” उन्होंने कहा, “हम देश में शांति और समृद्धि का संदेश फैलाना चाहते हैं।
इसके पहले एआईएमपीएलबी ने विवाद के बाद राम मंदिर निर्माण का समर्थन करने पर नदवी को हटा दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीमकोर्ट ने अदालत के बाहर समझौता करने को कहा है। बोले, “अदालत लोगों के दिल में शामिल नहीं होती क्योंकि निर्णय हमेशा एक और दूसरे के पक्ष में होता है।
Comments are closed.