अयोग्य AAP विधायकों की याचिका पर दिल्ली HC में आज होगी अहम सुनवाई

नई दिल्ली । चुनाव आयोग द्वारा आम आदमी पार्टी के अयोग्य करार दिए गए 20 विधायकों के मामले में सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में फिर सुनवाई होगी।

इसके पूर्व 20 विधायकों की अयोग्यता संबंधी मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि ये विधायक लाभ के पद पर रहे हैं। इन्होंने लाभ लिया या नहीं, यह महत्वपूर्ण नहीं है। यह प्रतिक्रिया कोर्ट ने गत गुरुवार को विधायकों की उस दलील पर दी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें संसदीय सचिव बनाया गया। लेकिन उन्होंने कोई लाभ नहीं लिया। इसलिए यह लाभ का पद नहीं है।

कोर्ट के आदेश पर अयोग्यता के मामले में हाईकोर्ट पहुंचे विधायकों की याचिका पर चुनाव आयोग ने  अपना हलफनामा दाखिल कर दिया है।

जस्टिस संजीव खन्ना व जस्टिस चंद्रशेखर के समक्ष विधायकों के वकील मोहन परासरन ने कहा कि जिन विधायकों को संसदीय सचिव बनाया गया था, उनकी नियुक्ति हाईकोर्ट ने रद्द कर दी थी। इसके अलावा इन विधायकों को कोई लाभ नहीं दिया गया।

इस बाबत चुनाव आयोग को 9 मई 2016 को जानकारी दी गई थी, लेकिन उस जवाब की व्याख्या सही तरीके से नहीं की गई। विधायकों की ओर से कहा गया कि संसदीय सचिव केवल एक पद था और उन्हें किसी तरह का कोई अधिकार भी नहीं दिया गया था। विधायकों ने न कभी सरकारी वाहन का इस्तेमाल किया और न किसी तरह का शुल्क लिया।

क्‍या है मामला

बता दें कि पिछले महीने ही चुनाव आयोग ने संसदीय सचिव बनाए गए AAP के 20 विधायकों को आयोग्य करार दिया है। चुनाव आयोग की संस्तुति पर राष्ट्रपति ने भी मुहर लगा दी है, लेकिन 20 में से 8 विधायक फैसले खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे हैं।

पिछले महीने की 30 जनवरी को अयोग्य करार AAP के आठ विधायकों की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग की ओर से पेश वकील अमित शर्मा को हलफनामे के जरिए सप्ताह के भीतर याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा था।

वहीं, दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के मामले में ‘आप’ गंभीर संकट में घिर गई है। पिछले महीने चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति से 20 ‘आप’ विधायकों को अयोग्य घोषित करने की सिफारिश की। चुनाव आयोग का मानना है कि 20 विधायक ‘ऑफिस ऑफ प्रॉफिट’ के दायरे में आते हैं।

खतरे में 14 ‘आप’ विधायकों की सदस्यता

यहां आपको यह भी बता दें कि 20 विधायकों से इतर ‘आप’ के 14 और विधायकों की सदस्यता खतरे में है। इन विधायकों पर भी ‘लाभ के पद’ पर होने का आरोप है। ये विधायक विभिन्न सरकारी अस्पतालों में रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष हैं। यह शिकायत 22 जून 2016 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की गई थी। ‘आप’ के 27 विधायकों के कथित रूप से लाभ के पद पर होने को लेकर उनके खिलाफ दाखिल की गई इस शिकायत को उन्होंने चुनाव आयोग को भेजा था।

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