हिसार । कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्ड़ा के बीच तनातनी तो पहले से ही है, लेकिन यह बुधवार को और तल्ख हो गई। दोनों हिसार में थे। तंवर ने मंथन शिविर का आयोजन कर रखा था तो हुड्डा जिला बार एसोसिएशन के कार्यक्रम में पहुंचे थे। हुड्डा मंथन शिविर में नहीं गए। बोले, मुझे नहीं पता कि वहां किस पर मंथन चल रहा है। उधर, तंवर ने टिप्पणी की कि मैं किसी के घर पीले चावल लेकर न्योता देने से तो जाने से रहा।
कांग्रेस के दोनों दिग्गज हिसार में होने के बावजूद एक दूसरे से नहीं मिले
भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यक्रम में तो स्थानीय विधायक और पूर्व विधायक शामिल हुए, लेकिन तंवर के शिविर में नहीं गईं। हालांकि हुड्डा के कार्यक्रम में पूर्व मंत्री सावित्री ङ्क्षजदल नहीं पहुंची, लेकिन उनके प्रतिनिधि के तौर पर कांग्रेस नेता जगदीश ङ्क्षजदल ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
पीले चावल देने किसी के घर नहीं जाऊंगा : तंवर
कुलदीप बिश्नोई और उनकी पत्नी भी नहीं पहुंची, जो हुड्डा के दिल्ली स्थित आवास में उनकी तरफ से दिए भोज में शामिल हुए थे। दूसरी तरफ तंवर के मंथन शिविर से स्थानीय विधायक और पूर्व विधायक दूर ही रहे। यहां तक कि हुड्डा से परहेज रखने वाले रणदीप सुरजेवाला, किरण चौधरी और अजय यादव ने भी किनारा किए रखा।
बाेया पेड़ बबुल तोआम कहां से होय
तंवर ने हुड्डा की चार्जशीट के बारे में पूछे जाने पर संत कबीर का यह दोहा दोहरा दिया-बोया पेड़ बबूल का तो आम कहा से होय। जब उनसे कहा गया कि यह आप हुड्डा के लिए कह रहे हैं तो वह हंस पड़े और कहा- जैसी करनी वैसी भरनी। इतना कहने के बाद संभल गए। बोले, भाजपा ने बदले की भावना से कार्रवाई की है। सीबीआइ को मोहरा बनाकर सरकार कांग्र्रेस नेताओं को फंसा रही है।
विवाद न हो इसलिए हुड्डा ने बदला रास्ता
कांग्रेस भवन और जिला अदालत प्रांगण एक ही रोड पर हैं और उनके बीच की दूरी करीब एक किलोमीटर है। हुड्डा व तंवर समर्थक आपस में न उलझ पड़े इसलिए हुड्डा समर्थकों ने पूर्व मुख्यमंत्री को रास्ता बदलकर बार एसोसिएशन के कार्यक्रम में जाने की सलाह दी।
‘राहुल के नेतृत्व में लड़ेंगे चुनाव’
प्रदेश का चुनाव राहुल व सोनिया गांधी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। जहां तक कांग्रेस के मंथन शिविर की बात है तो इसकी मुझे जानकारी नहीं है। सुभाष बत्रा मुझे साइकिल पर बैठाने की बात कर रहे हैं पहले उनका तो पता चले कि उनका पैर कहां है।
– भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री।
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‘ नेतृत्व किसका हाईकमान तय करेगा’
” चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा यह राहुल गांधी तय करेंगे। मैं पार्टी की मजबूती और एकता के लिए काम कर रहा हूं। सभी को मंथन शिविर का न्योता दिया गया था। किसी को लगता है पार्टी की मजबूती के लिए कोई सुझाव देना है तो उसका स्वागत है।
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