पंचकूला हिंसा के लिए राम रहीम सीधे दोषी नहीं, हनीप्रीत व विपसना पर कसा घेरा

चंडीगढ़। दो साध्वियों से दुष्कर्म मामले में सजा काट रहे डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह को एसआइटी ने पंचकूला हिंसा के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार नहीं माना हैै। एसआइटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) के अनुसार पंचकूला हिंसा की रूपरेखा उसकी गोद ली बेटी हनीप्रीत ने तैयार की थी। हनीप्रीत को जुलाई में ही इस बात का आभास हो गया था कि सीबीआइ कोर्ट से डेरा मुखी को सजा हो सकती है। इसलिए हनीप्रीत ने गुरमीत सिंह के बचाव की तैयारियां शुरू कर दी थी।

एसआइटी ने हिंसा का ठीकरा हनीप्रीत, विपासना और आदित्य इंसा के सिर फोड़ा

पंचकूला हिंसा की जांच कर रही एसआइटी की चार्जशीट में डेरा प्रमुख से कहीं अधिक दोषी हनीप्रीत को ठहराया गया है। बता दें कि हिंसा से करीब 120 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति का नुकसान हुआ था और 42 लोगों की मौत हो गई थी।

उल्लेखनीय है कि एसआइटी ने हाल ही में पंचकूला कोर्ट में करीब 1800 पेज की चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें एक हजार पेज की मूल चार्जशीट और 800 पेज की सप्लीमेंट्री चार्जशीट शामिल हैै। एसआइटी प्रमुख मुकेश मल्होत्रा ने डेरा मुखी को क्लीन चिट दिए जाने के तथ्य से साफ इनकार करते हैैं, लेकिन सूत्रों का दावा है कि उक्त तथ्य सही हैैं।

चार्जशीट में इस बात का उल्लेख भी है कि पंचकूला हिंसा में हनीप्रीत का साथ विपासना और आदित्य इंसा ने दिया था। हनीप्रीत ने 25 अगस्त को पंचकूला में भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी 45 सदस्यीय कमेटी को सौंपी थी। डेरे की राजनीति विंग को निर्देश दिए गए थे कि 25-25 सदस्यों को साथ लेकर भाजपा सरकार के मंत्रियों और विधायकों पर दबाव बनाएं।

एसआइटी ने अपनी चार्जशीट में कुछ विधायकों और मंत्रियों के नाम और उनसे हुई बातचीत का ब्योरा भी पेश किया है। रिकार्डिंग में किसी अशोक का जिक्र है, जो यह कह रहा है कि उसे अंबाला जिले के एक मंत्री का आशीर्वाद प्राप्त है। राजनीतिक विंग को सिर्फ इसी जिले के दूसरे मंत्री और पंचकूला जिले की एक विधायक से मिलना है, ताकि वे सीएम तक डेरा मुखी का संदेश पहुंचा सकें।

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