नई दिल्ली । आज के समय में 4G इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। लेकिन अब तकनीक 4G से भी आगे बढ़ने वाली है। आने वाले समय में 4G को पीछे छोड़ते हुए वाई-फाई या ब्रॉडबैंड लोगों को हाई स्पीड इंटरनेट डाटा का अलग ही अनुभव प्रदान करेगा। लेकिन चौकाने वाली बात यह है की आने वाले समय में आपको एलईडी बल्ब से इंटरनेट की सुविधा मिल सकती है। आइए जानते है कैसी होगी यह तकनीक:
हाल ही में एक प्रोजेक्ट के तहत इन्फर्मेशन ऐंड टेक्नॉलजी मिनिस्ट्री ने एक नई तकनीक का सफल टेस्ट किया है। इस नई तकनीक को लाई-फाई का नाम दिया गया है।
क्या है ये नई तकनीक: Li-Fi डाटा ट्रांसफर के लिए रेडियो फ्रिक्वेंसी वेव्स की जगह विजिबल लाइट कम्युनिकेशंस या इंफ्रारेड या नजदीकी अल्ट्रावॉयलेट का उपयोग करता है। यह टेक्नोलॉजी 400 और 800 THz (780–375 nm) के बीच के विजिबल लाइट का प्रयोग करता है। बल्ब को स्विच ऑन या ऑफ करने से इसका उपयोग किया जाएगा, चूंकि यह नैनोसेकेंड में होगा इसलिए आमतौर पर हम आंखों से नहीं देख पाएंगे।
Li-Fi नाम की यह तकनीक Wi-Fi की जगह नहीं लेना चाहती लेकिन यह अपने तरीके के फायदे लेकर आया है विशेषतौर पर सिक्योरिटी। जैसा कि हम जानते हैं प्रकाश की तरंगे दीवार के आर-पार नहीं हो सकती, यह तकनीक कम दूरी के लिए काफी प्रभावी होगी और हैकिंग जैसी मुश्किलों को रोकेगी।
सुपर फास्ट स्पीड पर होगा डाटा ट्रांसफर : उम्मीद की जा रही है की इस तकनीक से 1km तक के इलाके में 10GB प्रति सेकंड की स्पीड से डाटा ट्रांसफर किया जा सकेगा। इस तकनीक की मदद से लगभग देश के हर हिस्से में इंटरनेट उपलब्ध करवाना संभव हो सकेगा।
स्मार्ट सिटीज लाने में होगा मददगार : इस प्रोजेक्ट पर कार्य कर रही नीना पहुजा के अनुसार- आने वाले समय में स्मार्ट सिटीज में लाई-फाई तकनीक काफी काम आएगी। इसमें इंटरनेट की जरुरत होगी और इसे इस तकनीक के जरिए पूरा किया जा सकेगा।
आईआईटी मद्रास के साथ काम चल रहा है: इस प्रोजेक्ट पर अभी आईआईटी मद्रास में काम चल रहा है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में एलईडी बल्ब बनाने वाली कंपनी फिलिप्स भी साथ दे रही है। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस अपने इस प्रोजक्ट का इस्तेमाल बेंगलुरु में करना चाहता है।
क्या है फिलिप्स लाइटिंग इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर का कहना : इस पूरे मामले पर फिलिप्स लाइटिंग इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर सुमित जोशी का कहना है, ‘हम नई तकनीकों को लाए जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस क्षेत्र में नई तकनीकों पर काम करते रहेंगे।’
Comments are closed.