चंडीगढ़। हरियाणा में आउटसोर्सिंग और डीसी रेट पर होने वाली भर्तियों में अनुसूचित जाति के अभ्यर्थी अब आरक्षण के समुचित लाभ से वंचित रहेंगे। हरियाणा सरकार ऐसी भर्तियों में केवल दस फीसद आरक्षण देगी। हरियाणा के प्रमुख विपक्षी दल इनेलो ने सरकार की इस पॉलिसी पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है। इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा का कहना है कि संविधान में 27 फीसद आरक्षण का प्रावधान है, जिसे भाजपा सरकार ने घटाकर 10 फीसद कर दिया है। इनेलो इसे स्वीकार नहीं करेगा।
चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आउटसोर्सिंग और डीसी रेट की नौकरियों में 10 फीसद आरक्षण की घोषणा को एससी वर्ग के साथ धोखा बताया है। अरोड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री को रविदास जयंती पर घोषणा करनी चाहिए थी कि इन वर्गों का बैकलॉग पूरा होगा, लेकिन उन्होंने विधानसभा में कही अपनी बात को भी पूरा नहीं किया।अरोड़ा के अनुसार विधानसभा में इनेलो के सवाल पर सीएम ने भरोसा दिलाया था कि आउटसोर्सिंग से होने वाली भर्तियों में आरक्षण पॉलिसी लागू की जाएगी।
अरोड़ा के अनुसार सरकार ने स्थायी नौकरियां न देकर 50 हजार नियुक्तियां आउटसोर्सिंग या डीसी रेट पर की हैं, जिसमें किसी भी तरीके से आरक्षण पॉलिसी लागू नहीं की गई। अशोक अरोड़ा ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह एक सोची-समझी नीति के तहत वह स्थायी भर्तियां नहीं करना चाहती ताकि पिछले दरवाजे से चहेतों को अस्थायी नौकरियां दी जा सकें।
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