पानीपत। कालेज जाने के लिए छात्रा ट्रेन के माध्यम से रोजाना सोनीपत जाती थी। इसी दौरान एक युवक ने उसे झांसे में लिया और अपने साथ ले गया। युवक ने उससे तीन बार दुष्कर्म किया। इसके बाद युवक का साथी लड़की को घर छोड़ने के बहाने अपने साथ ले गया और उसने भी उससे दुष्कर्म किया। मामले में सोमवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश शशिबाला चौहान की अदालत ने छात्रा के साथ दुष्कर्म मामले में दोनों दोषियों को सात-सात साल कैद की सजा सुनाई है।
पीड़ित पक्ष के वकील आरसी पाहवा ने बताया कि गन्नौर की एक कालोनी की लड़की सोनीपत के एक कॉलेज में बीए कर रही थी। वह ट्रेन से आवागमन करती थी। ट्रेन में गांव जौरासी निवासी विनय उसे परेशान करता था। 15 फरवरी 2016 को जब छात्रा कॉलेज से बाहर निकली तो गेट के पास विनय खड़ा मिला। वह छात्रा को झांसा देकर पानीपत बस स्टैंंड ले आया। वहां उसका एक साथी बाइक लेकर खड़ा हुआ था।
बाइक सवार दोनों को लेकर समालखा पहुंचा। आरोप है कि विनय छात्रा को एक घर में बने कमरे में ले गया और उसके साथ तीन बार दुष्कर्म किया। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी। उसने देर सायं छात्रा को पानीपत बस स्टैंड छोड़ा और फरार हो गया। छात्रा ने बस स्टैंड के पास ठेली दुकानदार नरेश से गन्नौर जाने का रास्ता पूछा तो उसने कहा कि मैं तुम्हें गन्नौर पहुंचा दूंगा। मगर नरेश पहले तो उसे बस स्टैंड के आसपास क्षेत्र में घुमाता रहा। फिर उसे अपने चाचा के गोदामनुमा घर में ले गया और वहां उसने भी छात्रा के साथ दुष्कर्म किया।
अगले दिन सुबह करीब 6 बजे छात्रा किसी तरह उसके चंगुल से छूटकर अपने घर पहुंची और बड़ी बहन को आपबीती सुनाई। घटना की शिकायत पानीपत महिला थाने में दर्ज कराई गई। पीडि़त की निशानदेही पर 17 फरवरी 2016 को ठेली दुकानदार नरेश व अगले दिन विनय को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया था। कोर्ट ने दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। इसके बाद से केस एडीजे शशिबाला चौहान की अदालत में विचाराधीन था। चार दिन पहले कोर्ट ने दोनों को दोषी करार दिया था।
सोमवार को अदालत ने विनय को 376 आइपीसी में सात साल की सजा व 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना नहीं चुकाने पर एक साल की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं नरेश को भी 376 आईपीसी में सात साल की सजा व 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना नहीं चुकाने पर एक साल की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं धारा 366 में पांच साल की सजा व 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना नहीं देने पर 6 माह अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
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