बेंगलुरु। भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या और अन्य 18 लोगों के खिलाफ सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआइओ) की दर्ज शिकायत पर एक स्थानीय अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
अदालत ने माल्या समेत इन सभी आरोपियों पर धांधली और निवेश के दुरुपयोग के ठोस सबूत होने के आधार पर गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। इनके खिलाफ कंपनी एक्ट, 2013 की दंडनीय अपराध की धारा 36, धारा 448 और धारा 447 के तहत मामला दर्ज है। यह गिरफ्तारी वारंट कार्रवाई हो या न हो संबंधित अदालत को 29 जनवरी तक वापस करना होगा।
माल्या के अलावा जिन लोगों के खिलाफ यह वारंट जारी हुआ वह हैं-यूबी ग्रुप के अन्य अफसरों समेत सीएफओ एके रवि नेदुंगदी, कैप्टन जीआर गोपीनाथ, किंगफिशर एविएशन से मर्जर के पहले तक डेक्कन एविएशन लिमिटेड के प्रोमोटर, एंबिट प्राइवेट लिमिटेड के अशोक वाधवा और किंगफिशर से जुड़े कई चाटर्ड एकाउंटेंट (सीए) शामिल हैं।
अदालत ने कहा है कि इन आरोपियों पर लगाई गई दफाओं के तहत उन्हें न्यूनतम कैद की सजा छह महीने और अधिकतम दस साल कैद की हो सकती है। उन पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है जो घोटाले की रकम से कम का नहीं हो सकता है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि चूंकि घोटाले की रकम बहुत बड़ी है इसलिए आरोपियों के खिलाफ समन के बजाय वारंट जारी किया गया है।
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