यमुनानगर। सरस्वती नदी को धरती पर लाने के लिए राज्य की मनोहर सरकार को केंद्र सरकार का साथ भी मिल गया है। अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव में पहुंचे केंद्रीय जल संसाधन और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि राज्य सरकार इस संबंध में जो प्रस्ताव बनाकर भेजेगी, केंद्र सरकार उसे पास कर देगी।
केंद्रीय मंत्री ने आदिबद्री में हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की ओर से आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र का जितना विकास होना चाहिए था उतना नहीं हुआ। सरस्वती को पुनर्जीवित करने के लिए जो कमेटी बनी थी उसका मानना था कि इस पुरातन धारा से रिचार्जिंग की योजना बनानी चाहिए। इससे भूजल भी बढ़ेगा।
पता चला कि राज्य सरकार ने यह योजना पहले से तैयार कर ली है। इसके लिए धन की कमी आड़े नहीं आएगी। सरस्वती नदी का कार्य भारत की अस्मिता व महान गौरव को दर्शाता है। इस नदी के तट पर सबसे बड़ा ऋग्वेद व अन्य वैदिक ग्रंथ रचे गए। कालाअंब से लेकर कलेसर तक बनने वाले नेशनल हाईवे से भी आदिबद्री को विकसित करने में मदद मिलेगी।
मंत्रा देवी मंदिर से हिमाचल तक बनेगा पुल
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरस्वती नदी में जलप्रवाह के लिए आदिबद्री में एक बांध बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कालका से लेकर कलेसर तक सभी तीर्थों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। उन्होंने आदिबद्री में पहाड़ी की चोटी पर स्थित माता मंत्रा देवी मंदिर से हिमाचल प्रदेश तक पुल बनाने की घोषणा की। कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष राजीव बिंदल व आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार भी मौजूद रहे।
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