मुंबई। मुंबई के चरनी रोड के एक बुजुर्ग दंपति ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिख कर इच्छामृत्यु के लिए अनुमति की मांग की है। 86 वर्षीय नारायण लवाते जो 1989 में ही राज्य परिवहन निगम की सेवा से रिटायर हो चुके हैं, उन्होंने राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में कहा है कि उन्हें एक भी बच्चे नहीं है और उन्हें और उनकी पत्नी दोनों को कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या भी नहीं है, इसलिए हमारे जीने का अब कोई मतलब नहीं है।
नारायण लवाते ने बताया, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि अभी हमें कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं है तो आगे भी हमारे साथ ऐसा ही होगा। भविष्य में दूसरों के लिए मुश्किलें पैदा करने से अच्छा है कि हम मर जाएं। हमने पूर्व में ही निर्णय लिया था कि हम बच्चे नहीं पैदा करेंगे। हमारे परिवार में हम दोनों के अलावा और कोई नहीं है।
79 वर्षीय उनकी पत्नी जो मुंबई के ही एक सरकारी स्कूल की पूर्व प्राध्यापिका रह चुकी हैं ने बताया, मुझे दो ऑपरेशन हुए हैं। मेरे लिए कहीं बाहर अकेले जाना संभव नहीं है। मेरा एक जगह बैठे रहना भी बेकार है। इसलिए मेरा जीवित रहने का भी कोई मतलब नहीं है। उन्होंने बताया कि उन दोनो ने अपनी जिंदगी के शुरुआती दौर में ही बच्चे नहीं पैदा करने का फैसला किया था।
नारायण ने बताया, हमें अब समाज में रहने का कोई मतलब ही नहीं है और हम समाज के लिए किसी तरह का अपना योगदान भी नहीं दे सकते। इसलिए हमने राष्ट्रपति को डॉक्टर के सहयोग से इच्छामृत्यु के लिए अनुमति मांगी है। अब जिंदगी के इस पड़ाव पर हम और जीना नहीं चाहते हैं। हमारी जिंदगी में कोई कष्ट नहीं है लेकिन फिर भी हमें और जीने की इच्छा नहीं है। नारायण लवाते ने बताया कि उन्होंने इसके लिए राष्ट्रपति कोविंद को पत्र लिखा क्योंकि उन्हें ही जीवनदान देने की और मृत्यु का अधिकार देने की संवैधानिक शक्ति है।
News Source :- www.jagran.com
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