जीएसटी का असर, मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र की रफ्तार 6 साल के न्यूनतम स्तर पर

नई दिल्ली। मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र की वृद्धि दर भी धीमी पड़कर 4.6 प्रतिशत रह गई है, जो बीते छह साल में न्यूनतम है। पिछले वित्त वर्ष में मैन्यूफैक्चरिंग की वृद्धि दर 7.9 प्रतिशत थी। इससे पूर्व मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र की न्यूनतम वृद्धि 2013-14 में पांच प्रतिशत थी। दरअसल एक जुलाई से जीएसटी लागू हुआ है, इसलिए माना जा रहा है कि इसका असर मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र के प्रदर्शन पर पड़ा है। मैन्युफैक्चरिंग की वृद्धि दर में कमी आना इसलिए चिंताजनक है क्योंकि यही क्षेत्र रोजगार का प्रमुख स्रोत है।

कंस्ट्रक्शन क्षेत्र की स्थिति में मामूली सुधार आने का अनुमान है। हालांकि अब भी इसका प्रदर्शन निराशाजनक है। चालू वित्त वर्ष में कंस्ट्रक्शन क्षेत्र की वृद्धि दर 3.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि पिछले साल यह 1.7 प्रतिशत थी। बहरहाल सबसे ज्यादा वृद्धि ‘लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं’ में 9.4 प्रतिशत रही है। वैसे यह इस क्षेत्र की पिछले साल की वृद्धि दर 11.3 प्रतिशत से कम है।

इसके अलावा ‘व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण सेवाएं’ क्षेत्र की वृद्धि दर भी 8.7 प्रतिशत रही है। साथ ही ‘वित्तीय, रियल एस्टेट व पेशेवर सेवाओं’ की वृद्धि दर बढ़कर 7.3 प्रतिशत होने का अनुमान है जबकि पिछले साल यह 5.7 प्रतिशत थी। जीडीपी की रफ्तार सुस्त पड़ने के साथ ही चालू वित्त वर्ष में प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि की दर भी मात्र 5.3 प्रतिशत रह गयी है जबकि पिछले साल इसमें 5.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

News Source :- www.jagran.com

Comments are closed.