नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की ओर से राज्यसभा के लिए नामों की घोषणा के बाद कवि और पार्टी नेता कुमार विश्वास का दर्द छलक उठा। कुमार ने कहा कि मैं पार्टी की गलत बातों को उठाता रहा हूं। सर्जिकल स्ट्राइक पर पार्टी की राय पर सवाल उठाया था। टिकट वितरण में गड़बड़ी, आंतरिक भ्रष्टाचार को लेकर आंख फेरने की बात पर भी सवाल उठाया था। चाहे पंजाब में अतिवादियों के प्रति नरम रहना हो या जेएनयू का मुद्दा रहा हो। ऐसे मुद्दों पर सच बोला था, इसके लिए मुझे दंडित किया गया है।
इस दंड को स्वीकार करता हूं
विश्वास ने निर्भीक होकर कहा कि मैं इस दंड को स्वीकार करता हूं। मुझे डेढ़ साल पहले अरविंद ने बुलाकार कहा था कि सर जी आपको मारेंगे, लेकिन शहीद नहीं होने देंगे। विश्वास ने कहा कि मैं अपनी शहादत को स्वीकार करता हूं। सोशल मीडिया पर मेरे खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। युद्ध का भी एक छोटा नियम होता है कि शहीदों के शव से छेड़छाड़ नहीं की जाती है।
अरविंद से बिना पूछे कुछ नहीं होता
विश्वास ने कहा कि मुझे पता है कि अरविंद से बिना पूछे हमारे दल में कुछ नहीं होता है। मैं उनसे कहना चाहूंगा कि अपने विधायकों और नेता से कहें कि ट्वीट या किसी अन्य माध्यम से शहीद के शव यानी मेरे साथ छेड़छाड़ न करें। अन्यथा यह युद्ध के नियमों के विपरीत होगा। मैं नैतिक रूप में मानता हूं कि यह एक कवि, एक मित्र और सच्चे आंदोलनकारी की जीत हैं। मैं 40 साल से मनीष के साथ और 12 साल से अरविंद के साथ काम कर रहा हूं।
विश्वास ने कसा तंज
कुमार विश्वास ने राज्यसभा की टिकट पाने वाले दोनों कारोबारी उम्मीदवारों पर तंज कसते हुए कहा कि हर विधायक के लिए रैलियां, ट्वीट और मीडिया में बहस करके जिन्होंने आज पार्टी को खड़ा किया था। ऐसे महान क्रांतिकारियों को चुना है। इसके लिए अरविंद को बधाई देता हूं।
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