राजस्थान। पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए चुरु के गौरीसर गांव के जवान राजेंद्र नैण की पार्थिव देह का मंगलवार को पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। आमतौर पर बेटियों को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट नहीं लाया जाता, लेकिन शहीद के परिवार ने बड़ा कदम उठाते हुए शहीद की ढाई साल की बेटी मिष्ठी से उसके पिता को मुखाग्नि दिलवाई। यह दृश्य देखकर वहां मौजूद हर व्यक्ति के आंसू निकल आए।
राजेंद्र नैण सिर्फ 26 वर्ष के थे और दो वर्ष पहले ही सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। मंगलवार तड़के करीब तीन बजे उनकी पार्थिव देह पैतृक गांव गौरीसर पहुंची। यहां पहले ही माहौल काफी गमगीन था। उनकी पत्नी बेटी मिष्ठी के साथ मायके में थी। वह भी मंगलवार को ससुराल पहुंचीं और शव देखकर बेहोश हो गई। शहीद का एक साल का बेटा भी है। मौके पर माहौल ऐसा हो गया था कि शोक संदेश पढ़ते हुए उपखंड अधिकारी संजू पारीक भी भावुक हो गई।
सुबह शहीद की शवयात्रा निकाली गई और हजारों की संख्या में ग्रामीण, प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल हुए। लोगों के मन में पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश देखा गया। सीआरपीएफ डीआइजी जगदीश मीणा ने कहा कि आतंकवादियों के फिदायनी हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया गया, इस दौरान आतंकवादियों से बहादुरी से लड़ते हुए जवान राजेंद्र शहादत को प्राप्त हुआ, उसकी शहादत पर पूरे देश को गर्व है। देश के युवाओं में वतन के लिए जज्बा है जो कहीं कम नहीं होगा।
Comments are closed.