नई दिल्ली। नए साल के पहले दिन भारत और पाकिस्तान ने एक-दूसरे को अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की जानकारी सौंपी। वर्ष 1988 के समझौते के मुताबिक हर साल के पहले दिन दोनों देश एक दूसरे के परमाणु प्रतिष्ठानों की जानकारी साझा करते हैं। इसके साथ ही उनकी जेलों में बंद एक-दूसरे के नागरिकों की सूची भी देते हैं।
परमाणु प्रतिष्ठानों की जानकारी सामने आने के बात यह पता चला है कि पाकिस्तान की जेल में भारत के 475 नागरिक बंद हैं। इसमें 399 मछुआरे हैं जबकि शेष सामान्य नागरिक हैं, जिन्हें विभिन्न अपराधों के तहत वहां बंदी हैं। पाकिस्तान की जेल में बंद 399 मछुआरों में से 146 मछुआरों को आठ जनवरी, 2018 को रिहा कर दिया जाएगा। बता दें कि आज भारत भी यहां की जेल में बंद पाकिस्तानी नागरिकों की सूची जारी करेगा।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार भारत प्राथमिकता के आधार पर पाकिस्तान के साथ एक दूसरे के देश में कैदियों और मछुआरों के मानवीय मामलों को संबोधित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस संदर्भ में भारत उन लोगों की पाकिस्तान से राष्ट्रीयता की पुष्टि का इंतजार कर रहा है जिन्हें अबतक रिहाई मिल जानी चाहिये थी।
2008 में हुअा था समझौता
कैदियों से जुड़ी जानकारी साझा करने संबंधी समझौते पर 21 मई, 2008 को हस्ताक्षर किए गए थे। इसके तहत हर साल दो बार पहली जनवरी और पहली जुलाई को कैदियों की सूची साझा की जाती है। परमाणु प्रतिष्ठानों को हमले से बचाने संबंधी समझौते पर 31 दिसम्बर, 1988 को हस्ताक्षर किए थे और यह 27 जनवरी, 1991 से लागू हुआ था।
इसके तहत दोनों देश पहली जनवरी को समझौते के तहत अपने परमाणु प्रतिष्ठानों और उनसे जुड़ी सुविधाओं से एक दूसरे को अवगत कराते हैं। पहली जनवरी, 1992 के बाद से अबतक लगातार 26वीं बार यह सूची साझा की गई है।
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