डबल फायदा: सी-प्लेन से सस्ती उड़ान भरेंगे लोग, बनेंगे रोजगार के मौके भी

नई दिल्ली। स्वच्छ, दमकती नदियों पर हजार सी-प्लेन की चमकीली रेखा, समुद्र में क्रूज के रूप में तैरता शहर और हाइवे की विशेष लेन में दौड़ते इलेक्टिक वाहन। ये है उस भारत की तस्वीर, जिसका सपना सड़क परिवहन, राजमार्ग और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने देखा है। उनका मानना है देश में इससे भी ज्यादा क्षमता है।

गडकरी ने कहा, ‘मैं सी-प्लेन की बात करता रहा हूं। इनकी शुरुआत की जाए तो देश में हजार सी-प्लेन उड़ानें की क्षमता है। यहां तीन से चार लाख तालाब हैं। ढेरों बांध हैं। 2,000 नदी बंदरगाह हैं। 200 छोटे और 12 बड़े बंदरगाह हैं। इनका उपयोग करते हुए सी-प्लेन चलाने से लागत कम आएगी। सी-प्लेन केवल एक फुट गहरे पानी में खड़े हो सकते हैं और इन्हें 300 मीटर के छोटे से जलीय रनवे की जरूरत होती है। इनकी गति 400 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। इनमें अपार क्षमता है। मेरा मंत्रलय और विमानन मंत्रलय जल्द इसके लिए नियमों को अंतिम रूप देंगे। इनके लिए अमेरिका, जापान और कनाडा में अलग-अलग नियम हैं। हम तीन महीने में इनका अध्ययन कर लेंगे।’ गडकरी नौ दिसंबर को किफायती एयरलाइन सेवा देने वाली निजी क्षेत्र की कंपनी स्पाइस जेट के सी-प्लेन परीक्षण में शामिल हुए थे। मुंबई के गिरगांव चौपाटी पर परीक्षण में विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू भी उपस्थित रहे थे। गडकरी ने हाल में विमानन मंत्री से एक इंजन वाले सी-प्लेन के संचालन की अनुमति देने की अपील भी की है।

तैरते शहर हैं क्रूज : जल परिवहन के बड़े समर्थक माने जाने वाले गडकरी ने क्रूज जहाजों की भी तरफदारी की है। उन्होंने समुद्र में चलते क्रूज को तैरते शहर की संज्ञा दी। जहाजरानी मंत्री ने कहा कि अभी क्रूज 90 व्यक्तियों को ले जाने में सक्षम हैं। इनकी क्षमता 950 तक की जा सकती है। इनकी मदद से सिंगापुर, फिलीपींस और थाइलैंड का सफर किया जा सकता है। इस सेगमेंट को बढ़ावा देने के लिए मुंबई में 1,000 करोड़ रुपये के निवेश से टर्मिनल बनाया जा रहा है। सी-प्लेन, क्रूज, जलमार्ग, इलेक्टिक वाहन, पॉड टैक्सी और एक्सप्रेसवे परिवहन क्षेत्र का भविष्य हैं।

50 लाख युवाओं को मिलेगा रोजगार: गडकरी ने कहा, ‘हम परिवहन क्षेत्र में आमूलचूल बदलाव की कोशिश कर रहे हैं। देश अभी सात लाख करोड़ रुपये के कच्चे तेल का आयात करता है। हमने ज्यादा किफायती, प्रदूषण मुक्त और स्वदेशी विकल्प विकसित करने का फैसला किया है। धीरे-धीरे परिवहन व्यवस्था को बिजली, एथनॉल, मेथनॉल, बायो डीजल, बायो सीएनजी और ऐसे ही अन्य माध्यमों से संचालित करने का प्रयास किया जाएगा। इससे देश में कम से कम 1,000 नए उद्योग लगेंगे और 50 लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा।’

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